रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को अब 12 दिन हो चुके हैं। हालांकि, इसके बावजूद रूसी सेना को कीव या खारकीव में कब्जा करने में कोई खास सफलता नहीं मिली है। यूक्रेन लगातार दावा कर रहा है कि वह रूस के खिलाफ पूरी ताकत से मोर्चा संभाल रहा है, लेकिन रूसी सेना शहरों में बमबारी कर आम नागरिकों की जान ले रही है। यूक्रेन ने रूस पर थर्मोबेरिक हथियार इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया है। इस बीच यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रूस और यूक्रेन की जंग में कौन से हथियार इस्तेमाल हो रहे हैं। आखिर यूक्रेनी सेना किन हथियारों की बदौलत रूस को रोक पा रही है और रूस किन हथियारों की मदद से यूक्रेन का किला भेदने की कोशिश कर रहा है।
1. रॉकेट्स
यूक्रेन की तरफ से आरोप लगाया गया है कि रूसी सेना शहरों को तबाह करने के लिए स्कूलों, रिहायशी इमारतों और अस्पतालों तक पर लगातार गोलाबारी कर रही है। न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की ओर से पुष्टि की जा चुकी है कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सोवियत काल के ग्रैड, स्मर्च और उरागन मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल कर जबरदस्त रॉकेट बरसाए हैं। रूस की तरफ से पहले इन हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेनी सेना की टुकड़ियों को तितर-बितर करने के लिए किया गया, लेकिन बाद में इन्हें शहरी इलाकों में भी बरसाया गया, जिससे आम लोगों की मौत की खबरें सामने आई हैं।
2. तोपें
इसके अलावा रूस की सेना के पास सोवियत काल में डिजाइन हुई तोपें भी हैं, जिनसे यूक्रेन को निशाना बनाया जा रहा है। इनमें 203 एमएम पियोनी और 152 एमएम के गोले दागने वाली हयासिंथ और अकासिया सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के प्रमुख माइकल बैचलेट ने भी पुष्टि की है कि यूक्रेन की तबाही के लिए रूसी सेना घनी आबादी वाले इलाकों में भी मल्टी लॉन्च रॉकेट सिस्टम और तोपों का इस्तेमाल कर रहा है।
3. लड़ाकू विमान
रूस ने युद्ध शुरू होने के लगभग तीन दिन बाद ही हवाई मार्ग पर पूरा नियंत्रण होने का दावा कर दिया था। रूसी सेना ने इस दौरान यूक्रेन पर हमले के लिए जिन विमानों का इस्तेमाल किया, उनमें सुखोई-25 से लेकर सुखोई-35 तक शामिल रहे हैं। इसके अलावा रूसी वायुसेना ने मिग-29 से लेकर मिग-35 तक को उतारा है। फिलहाल ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि रूस ने अब तक पूरी वायुसेना का इस्तेमाल भी शुरू नहीं किया, लेकिन यूक्रेन की लगातार बढ़ती तबाही रूसी वायुसेना की ताकत बयां करती है।
4. मिसाइलें
रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमले के लिए जिन हथियारों का इस्तेमाल किया है, उनमें शॉर्ट रेंज से लेकर मीडियम रेंज तक की मिसाइलें भी शामिल रही हैं। यूक्रेन के कुछ अहम ठिकानों पर अचूक हमले के लिए रूसी सेना अपनी इस्कंदर मिसाइलों पर भरोसा कर रही है, जिसकी रेंज 500 किलोमीटर तक है। इनमें फिट वॉरहेड एक बड़ी इमारत से लेकर किलेबंद ठिकानों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। बताया गया है कि रूस के साथ-साथ बेलारूस की धरती से भी कई इस्कंदर मिसाइलों को यूक्रेन की तरफ दागा गया है।
5. क्लस्टर म्यूनिशन
यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस पर क्लस्टर म्यूनिशन इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है। ये ऐसे हथियार होते हैं, जो गिरने के समय कई छोटे-छोटे विस्फोटकों में बदल जाते हैं और बड़े इलाके में ठहरी सेना को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। किसी घनी आबादी वाले क्षेत्र में गिरने के बाद ये हथियार एक साथ दर्जनों की जान ले सकते हैं और कई लोगों को घायल भी कर सकते हैं। क्लस्टर म्यूनिशन कई बार गिरने के बाद तुरंत नहीं फटते, बल्कि किसी प्रतिक्रिया के बाद अचानक ही फट जाते हैं। ऐसे में ये हथियार लंबे समय तक जानलेवा माने जाते हैं।
6. थर्मोबेरिक हथियार
यूक्रेन ने रूस पर थर्मोबेरिक हथियार के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है। इन्हें वैक्यूम बम के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह वातावरण से ऑक्सीजन को सोख लेता है और खुद को अधिक शक्तिशाली बनाकर जमीन से ऊपर ही धमाका करता है। इस धमाके से किसी सामान्य (कम ताकत के) परमाणु बम की तरह ही गर्मी पैदा होती है। इसके साथ ही धमाके से एक अल्ट्रासोनिक शॉकवेव भी निकलता है जो और अधिक तबाही लाता है। यही कारण है कि इस हथियार को किसी भी अन्य पारंपरिक हथियार से अधिक शक्तिशाली माना जाता है।
1. सोवियत काल के रॉकेट-तोपें
रूस के मुकाबले यूक्रेन की सेना सैन्यबल के साथ हथियारों के मामले में भी काफी पीछे है। लेकिन रूस की ओर से हमले के बाद पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। अमेरिका से लेकर स्वीडन जैसे देशों से मदद मिलने के बाद अब तक जिन हथियारों को यूक्रेन की तरफ से रूस के खिलाफ इस्तेमाल किया गया है, उनमें सोवियत काल के मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर और हॉवित्जर तोपें शामिल हैं। हालांकि, ये हथियार रूस पहले से ही इस्तेमाल कर रहा है। यूक्रेन के जखीरे में एक नई तोप बोलदाना हॉवित्जर है, जिसे फ्रंटलाइन में सैन्य अभियान में इस्तेमाल किया जा रहा है।
2. अमेरिका से मिली मिसाइलें और रॉकेट
यूक्रेन ने रूसी सेना के खिलाफ सोवियत काल की टोचका शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का प्रयोग किया है। हालांकि, इसके निशाना भेदने की क्षमता रूसी मिसाइलों के आगे काफी कमजोर है। इस बीच यूक्रेन को अमेरिका से जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल मिली हैं जिनका निशाना अचूक माना जाता है। रिपोर्टस के मुताबिक, यूक्रेन ने अब तक 300 जैवलिन मिसाइलों का इस्तेमाल किया है, जिनसे 280 रूसी टैंकों या लक्ष्यों को भेदा गया है। अमेरिका की तरफ से ही यूक्रेन को स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें दी गई हैं, जिन्हें आम सैनिक अपने कंधे पर रखकर भी लॉन्चर की मदद से फायर कर सकते हैं। पश्चिमी देश बीते छह दिन में ही यूक्रेन को 17 हजार टैंक-रोधी हथियार पहुंचा चुके हैं।
3. बायराक्तर ड्रोन्स और फाइटर जेट्स
यूक्रेन सेना को तुर्की की तरफ से बायराक्तर ड्रोन्स की भी सप्लाई हुई है। यूक्रेनी सेना की तरफ से अब तक ऐसे कई वीडियोज सामने आए हैं, जिनमें इन ड्रोन्स को रूसी सैन्य बेड़े को तबाह करते देखा जा सकता है। उधर अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन ने एक दिन पहले ही यूक्रेन के लिए लड़ाकू विमानों की सप्लाई को ग्रीन लाइट दे दी है।