शामली। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। वहीं इस प्राण प्रतिष्ठा की खुशी एक महिला को 34 साल बाद मिली है सन 1990 की तो उसे दौरान मुलायम सिंह की सरकार थी और लाखों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे। जहां पर कारसेवकों के ऊपर गोलियां चलाई गई थी। उस दौरान शामली जनपद से भी हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या गए थे जिनमें से कुछ कारसेवकों को लखनऊ व बुलंदशहर में हिरासत में लेते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
वहीं शामली जनपद के गांव बहावड़ी के रहने वाले 11 कारसेवक भी गए थे, जिनमें से बीरमति नाम की महिला के पति ब्रह्मपाल सिंह भी एक थे। वहीं 1990 में जब कर सेवकों पर गोली चलाई गई तो उसे दौरान बीरमति महिला ने कसम खाई थी कि जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा तब तक वह अन्न नहीं खायेगी। वहीं अब जीते जी महिला की इच्छा पूरी हो रही है और वह 22 जनवरी को अपना अनशन त्याग कर अन्न ग्रहण करेगी।
85 वर्षीय महिला के द्वारा 22 जनवरी को 34 साल बाद अन्न ग्रहण करने के मामले में कारसेवक गोपाल का कहना है कि जब 1990 में कारसेवकों पर गोली चलाई गई थी तबसे ही हमारी ताई (बीरमति) ने अन्न त्याग दिया था और कसम खाई थी कि जब राम मंदिर नहीं बनेगा तब तक वह अन्न नहीं खाएगी भले ही उसकी जान चली जाए। लेकिन अब हमारी ताई के जीते जी यह व्रत 22 जनवरी को पूरा हो रहा है क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है और हमारी ताई का सपना भी पूरा हो रहा है।