नई दिल्ली. तिगड़ी थाना क्षेत्र के देवली एक्सटेंशन में शराब के ठेके के विरोध में प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के साथ दो दिन पहले हुई मारपीट और झगड़े के मामले में पुलिस ने 10 महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें से ज्यादातर बाउंसर हैं। ठेका मालिकों पर महिलाओं के साथ मारपीट के लिए महिला बाउंसरों को बुलाने का आरोप लगाया गया है।
महिलाओं के साथ मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ है। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार, तिगड़ी एक्सटेंशन में स्थानीय महिलाएं दो माह से शराब की दुकान के बाहर प्रदर्शन कर रही थीं। शराब की दुकान के मालिक ने दुकान पर महिला बाउंसरों को तैनात कर दिया था। बीते दिनों बाउंसरों और प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच जमकर मारपीट हुई थी।
इस दौरान महिलाओं पर बाउंसरों ने जमकर लात-घूसे बरसाए। इस मामले में महिलाओं ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। दक्षिणी जिले की डीसीपी बेनिता मेरी जैकर ने बताया कि 23 जून को साढ़े आठ बजे शराब की दुकान पर पुलिसकर्मी पहले से तैनात थे।
विरोध-प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों में कुछ कहासुनी हुई जो देखते ही देखते मारपीट में तब्दील हो गई थी। बीच-बचाव करने में बीट आफिसर हेडकांस्टेबल रंजीत के साथ भी मारपीट की गई। उनकी वर्दी फाड़ दी गई। उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती करना पड़ा था। इस मामले में पुलिस ने महिला बाउंसरों सहित 10 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं, एक अन्य मामले में जेल में बंद एक कारोबारी से झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर 15-15 लाख रुपये की मांग करने वाले एसआइ समेत दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की विजिलेंस शाखा ने मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में कारोबारी ने गत मार्च को दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर मामले की जांच की मांग की थी।पुलिस के मुताबिक आरोपित एसआई दो अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर कारोबारी को झूठे मामले में और फंसाने के बहाने उससे 15-50 लाख रुपये की रंगदारी वसूलने की कोशिश कर रहा था।
मार्च में आयुक्त को पत्र भेजा गया था, जिसके बाद विभाग ने एसीपी स्तर के एक अधिकारी के तहत जांच शुरू की। मई में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। दर्ज की गई एफआइआर के अनुसार, पूर्व में उत्तरी रोहिणी थाने में तैनात एसआई कारोबारी को फोन कर रिश्वत की मांग करता था। जब पीडि़त ने देने से मना किया तो उसे दूसरे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी दी जाने लगी।
कारोबारी ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपित उसके पुराने बयानों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। मामले में पुलिस ने पीडि़त के काल डिटेल रिकार्ड, सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और शिकायत में दिए गए बयानों का विश्लेषण किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपित जेल में बंद कारोबारी से कैसे संपर्क करते थे।
Edited By: Pradeep Chauhan