मुजफ्फरनगर। नंगला बुजुर्ग-जौली गंगनहर पटरी के किनारे पर डाली गई केमिकलयुक्त काली राख में झुलसे मोहम्मद नबी (20) की उपचार के दौरान मौत हो गई। काली राख डालने वाले को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ सकी है। क्षेत्र के लोगों में गम और गुस्से का माहौल है नंगला बुजुर्ग निवासी मोहम्मद नबी नौ जुलाई को गंगनहर किनारे पेड़ से हरे पत्ते तोड़ने के लिए गया था। इसी दौरान वह किनारे पर पड़ी राख की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से झुलस गया। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया था। बृहस्पतिवार को उपचार के दौरान नबी की मौत हो गई। गांव में मातम का माहौल बन गया।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन मामले की अनदेखी कर रहा है। अब तक तीन लोग झुलस चुके हैं, जिनमें एक की मौत हो गई। सिखेड़ा थाना क्षेत्र के भिक्की गांव के चाचा-भतीजे मोमीन और सैफ गंगनहर पटरी पर लकड़ी बीनने गए थे। दोनों राख की चपेट में आकर झुलस गए। दोनेां की हालत गंभीर है।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने प्रकरण पर नाराजगी जताई है। एसडीएम जानसठ से पीड़ितों की मेडिकल रिपोर्ट को मंगवा कर आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
पांच वर्ष पूर्व भोपा थाना के निकटवर्ती गांव से भारी मात्रा में खतरनाक केमिकल पकड़ा गया था। केमिकल के ड्रम में रिसाव होने से लोगों को सांस लेने और आंखों में जलन होने लगी थी। ग्रामीणों के हंगामे के बाद खतरनाक केमिकल के कई ड्रम बरामद कर इन्हें नहर पटरी पर दबाया गया था। ग्रामीणों को अंदेशा है कि कहीं काली राख के नीचे खतरनाक केमिकल के ड्रम तो नहीं दबे हुए हैं।