ताजमहल को लेकर कई विवाद सामने आ चुके हैं. सबसे बड़ा विवाद यह रहा है कि आखिर इसके अंदर बंद 22 कमरों में क्या है. अगर आपको नहीं पता तो बता दें कि ताजमहल को तराशने वाले कारीगरों में से कई के वंशज आज भी आगरा में ही रहते हैं.
इनमें से एक ने ज़ी न्यूज से ताजमहल को लेकर खुलकर बात की है. हम बात कर रहे हैं हाजी ताहिरुद्दीन की. इनके बारे में कहा जाता है कि ये ताजमहल के कारीगरों में से एक के वंशज हैं. हाजी पत्थर को तराशने और नक्काशी का काम करते हैं. ताहिरुद्दीन कभी ताजमहल में गाइड का काम भी करते थे. उन्होंने ताजमहल से जुड़े कई राज से पर्दा उठाया है.
हाजी ताहिरुद्दीन ने बताया कि ताजमहल के बीस कमरों का निर्माण कब्र के नीचे हुआ है. अब ये कमरे ASI की देख-रेख में हैं. इन कमरों का इस्तेमाल कभी जूते रखने के लिए किया जाता था, लेकिन अब ASI इसे स्टोरेज की तरह इस्तेमाल करता है. इसं बंद करने के पीछ की वजह के बारे में उन्होंने कहा कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए ये फैसला लिया गया था. समय-समय पर इसकी साफ-सफाई होती रहती है.
ताजमहल को लेकर लोगों को यह सवाल भी परेशान करता रहता है कि क्या यह एतिहासिक इमारत कुओं पर बनी है. इसके जवाब में ताहिरुद्दीन ने कहा कि यह बिल्कुल सच है. इसके पीछे उन्होंने वजह बताई कि संगमरमर को ठंडा रखने के लिए ये कुएं जरूरी हैं. इसलिए इसके कुओं पर बनाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि ये कुएं कभी ओवरफ्लो नहीं होते और इनका कनेक्शन यमुना से है. संगमरमर को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया गया चूने की पकड़ भी इससे मजबूत होती है.
ताजमहल को लेकर यह भी हमेशा कहा जाता रहा है कि इसे बनाने वालों के हाथ काट दिए गए थे. इसके जवाब में ताहिरुद्दीन ने कहा कि इस कथन में कोई सच्चाई नहीं है. शाहजहां ने कारीगरों से कहा था कि अब वे इस तरह की कोई भी इमारत नहीं बनाएंगे.
जर्नलिस्ट और आर्कियोलॉजी एक्सपर्ट डॉक्टर भानु प्रताप सिंह ने पिछले साल कहा था कि उन्होंने ताजमहल को हर तरह से पूरा देखा है. उन्होंने कहा कि सुनने में आया था कि 1932 में कुछ अंग्रेजों ने ताजमहल के बंद कमरों को देखा था. ASI इन कमरों को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता. यही कारण है कि ये कमरे सालों से बंद पड़े हैं.
डॉक्टर भानु प्रताप सिंह ने बताया था कि ताजमहल में कई जगह हिंदू चिह्न भी हैं. ताजमहल की चारों ओर परिक्रमा करने के लिए रास्ता बना है, ऐसा रास्ता केवल मंदिरों में ही मिलता है. उन्होंने कहा था कि ताजमहल में राम, मोहन जैसे नाम भी गुदे हुए हैं.