मुजफ्फरनगर। 2013 दंगे से पहले नंगला मदौड़ इंटर कालेज में आयोजित हुई पंचायत में शामिल होने पर मुकदमे का सामना कर रहे केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और पूर्व विधायक उमेश मलिक सोमवार को कोर्ट में पेश हुए। दोनों पर निषेधाज्ञा उल्लंघन का मामला विचाराधीन है।
27 अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में शाहनवाज की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ ने मलिकपुरा निवासी ममेरे भाईयों सचिन और गौरव की हत्या कर दी थी। जिससे जिले का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ गया था। 28 अगस्त को सचिन और गौरव की अंत्येष्टि से लौटते लोगों ने कवाल में तोड़फोड़ और मारपीट की थी। जिसके चलते तत्कालीन डीएम ने जिले में धारा-144 लागू कर दी थी।
निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद 31 अगस्त 2013 को सिखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव नंगला मंदौड़ स्थित इंटर कालेज मैदान में शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसके बाद तत्कालीन एडीएम प्रशासन डा. इंद्रमणी त्रिपाठी ने मौजूदा केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित 21 लोगों पर निषधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने मामले की विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। डीजीसी राजीव शर्मा ने बताया कि मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या एक में चल रहा है। उन्होंने बताया कि सोमवार को मामले में सुनवाई की तारीख थी। मामले में आरोपित केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और पूर्व विधायक कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि कुछ आरोपितों की और से कोर्ट में हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 10 अक्तूबर को होगी।