कैराना। यूक्रेन की कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही नगर के मोहल्ला आलदरम्यान निवासी छात्रा अंजलि करीब 55 घंटे के इंतजार के बाद हंगरी बॉर्डर पहुंची। वह दो दिन पहले अन्य छात्रों के ट्रेन से हंगरी बॉर्डर के लिए रवाना हुई थी, लेकिन ट्रेन से करीब 400 किलोमीटर का सफर करने के बाद सभी स्टेशनों पर भारत लौटने वाले भारतीय छात्रों की भारी भीड़ मिली।
मंगलवार को यूक्रेन के लवव रेलवे स्टेशन पर ट्रेन न मिलने के बाद अपराह्न करीब 3 बजे सभी छात्रों ने एक बस हंगरी बॉर्डर के लिए बुक की। बस में सवार होने के बाद मंगलवार रात्रि करीब एक बजे हंगरी बॉर्डर पर पहुंची। पिता बिट्टू ने बताया कि अंजलि हंगरी पहुंच गई है।
अंजलि ने बताया कि हंगरी बॉर्डर क्रॉस करने के बाद वह ट्रेन से अन्य छात्रों के साथ हंगरी के बुडापेस्ट रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई थी। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने उन्हें वहीं पर ही रोक दिया। यहां पर मौजूद एक हॉस्टल से ही उन्हें एयरपोर्ट पर ले जाने की बात कही गई है। हंगरी में आने के बाद उनके मोबाइल सिम बंद हो गए। एक स्थानीय व्यक्ति के मोबाइल से हॉटस्पॉट के जरिये नेटवर्क कनेक्ट कर अपनी लोकेशन रही है।
कैराना। कैराना क्षेत्र के ऊंचागांव निवासी रविंद्र चौहान का बेटा हिमांशु चौहान मंगलवार देर रात करीब एक बजे हंगरी बॉर्डर से करीब 50 किलोमीटर पहले उजोगोर्डो यूनिवर्सिटी के एक हॉस्टल में पहुंच गया। हिमांशु के बड़े भाई रजत चौहान ने बताया कि जिस बस में हिमांशु चौहान था, उस बस में अलग-अलग ग्रुप के करीब 56 बच्चे सवार थे। भारत के जिन एजेंटों ने यूनिवर्सिटी में एडमिशन कराया था। उनके द्वारा कुछ बच्चों को रात में उजोगोर्डो के हॉस्टल में रोका तथा बाकी बच्चे बस के द्वारा हंगरी बॉर्डर की ओर रवाना हो गए।
वहीं इवानो फ्रेंक्विक्स मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही कैराना निवासी समीक्षा गौतम यूक्रेन छोड़कर रोमानिया की राजधानी पहुंच गई है। पिछले तीन दिनों से समीक्षा इंडिया आने वाली फ्लाइट का इंतजार कर रही है। 28 फरवरी की सुबह समीक्षा रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में एयरपोर्ट के पास शेल्टर होम में रह रही है। समीक्षा के दो साथी नरेश और प्रिंस का नाम रोमानिया से इंडिया आने वाली एयर फोर्स फ्लाइट में आ गया है। आज रात या कल सुबह दोनों छात्र एयर फोर्स फ्लाइट द्वारा इंडिया आ जाएंगे। लेकिन उनकी बेटी अभी भी रोमानिया की राजधानी में ही है। कैराना तहसीलदार प्रियंका जयसवाल ने भी उनके घर पर आकर बेटी का हालचाल पूछा।
शामली। यूक्रेन की इवानो नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे कुशाग्र मलिक और जवेरिया नूर अपने घर पहुंच गए। बुढ़ाना रोड निवासी कुशाग्र मलिक पुत्र प्रमोद मलिक के घर पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली। जवेरिया पुत्री मोहम्मद शाहिद दिल्ली एयरपोर्ट से परिजनों के साथ सीधे नोएडा अपने घर चली गई। रोमानिया बॉर्डर पर भगदड़ के दौरान जवेरिया चोटिल भी हो गई थी। दोनों के सुरक्षित घर पहुंचने पर परिजन काफी खुश हैं।