मुजफ्फरनगर। भाजपा-रालोद गठबंधन से सियासत के नए समीकरण बनेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि जिले के कई मुस्लिम नेता बसपा में वापसी कर सकते हैं। इनमें कुछ नेताओं ने बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात भी की है। मुजफ्फरनगर और कैराना सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद से अब तक हुए हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मुस्लिम नेताओं की राजनीति बेपटरी नजर आई है। सियासत में कई बार पाला बदल के बावजूद टिकट और जीत की राह अब तक नहीं मिली है। बसपा छोड़कर कुछ नेता सपा और कुछ रालोद में भी शामिल हुए थे।
भाजपा और रालोद के बीच नजदीकियां बढ़ने के साथ ही अब कई मुस्लिम नेताओं ने सियासत के नए समीकरण का रुख शुरू कर दिया है। इनमें तीन मुस्लिम नेताओं ने बसपा से टिकट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से बातचीत शुरू की है। हालांकि बेहद गोपनीय तरीके से हो रही बातचीत में अभी तक सहमति नहीं बनी है। बसपा भी एनडीए गठबंधन की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इसके बाद ही प्रत्याशियों की सूची तैयार की जाएगी। बसपा के गठबंधन में शामिल होने की संभावना बसपा प्रमुख मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था,
लेकिन अभी भी कांग्रेस के साथ उनके गठबंधन की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा सकता। संभावना जताई जा रही है कि आचार संहिता लगने के बाद बसपा प्रमुख विपक्ष के इंडिया गठबंधन का हिस्सा हो सकती हैं। पिछले एक सप्ताह में जिस तरह समीकरण बदले हैं, उससे इसकी प्रबल संभावना है। पिछले दिनों लखनऊ में बसपा प्रमुख ने जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई थी, जिसमें प्रत्याशियों के आवेदन को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए गए थे।