गाजियाबाद. गाजियाबाद के मोदीनगर में पीएचडी छात्र अंकित खोखर की हत्या के बाद प्रवेश ने उसके बैंक खाते से एटीएम कार्ड के जरिए 1.20 लाख रुपये निकालकर अपनी शादी के लिए खरीदारी की। इसी रकम से दुल्हन के लिए लहंगा खरीदा। बाद में अपना सूट भी इसी रकम से लिया। उसकी शादी छह दिसंबर को हुई है। वह खाते से और रकम निकाल हनीमून पर जाने की तैयारी कर रहा था। इससे पहले ही पकड़ा गया। प्रवेश गौतमबुद्धनगर के बिसरख थाना क्षेत्र के चिपयाना का रहने वाला है। अंकित की हत्या के बाद उमेश ने प्रवेश को पूरी वारदात के बारे में बताया। उसे अंकित की बाइक और डेबिट कार्ड दिए। उससे कहा कि खाते में 40 लाख रुपये हैं। वह जितने चाहे निकाल सकता है।
प्रवेश ने कहा कि उसे पैसे की सख्त जरूरत है। शादी तय हो चुकी है, काफी खरीदारी करनी है। पुलिस ने बताया कि उमेश ने प्रवेश से कहा कि वह एटीएम बूथ में अपना नहीं, अंकित का मोबाइल फोन लेकर जाए ताकि पुलिस लोकेशन देखे तो उसी की आए।
प्रवेश ने हरिद्वार और ऋषिकेश से तीन बार में 1.20 लाख रुपये निकाले। पुलिस ने बैंक से इसका पूरा ब्योरा ले लिया है।
अंकित के दोस्त रूपेश ने बताया कि अंकित होनहार छात्र था। उसे पेन संग्रह करने का शौक था। वह महंगे-महंगे पेन खरीदता था। उसके कमरे से एक हजार से ज्यादा पेन मिले हैं। मूलरूप से बागपत के मुकंदपुर गांव निवासी अंकित के पिता रामपाल सिंह सरकारी शिक्षक थे और माता सुमित्रा देवी गृहणी थी।
रामपाल की तैनाती जब शामली थी उसी दौरान अंकित ने अपनी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई शामली में की। इसके बाद आगे की शिक्षा बनारस में की। अंकित के माता-पिता को दिल की बीमारी थी। जनवरी 2013 में मां और नवंबर 2013 में पिता की बीमारी के कारण मौत हो गई थी।
उमेश ने अंकित से 40 लाख कारोबार करने के लिए लेने के बाद उसकी हत्या की। उसके बाद उसके खाते से 21.20 लाख रुपये निकाले। ठगी का शिकार होने के बाद हुए करीब 30 लाख के कर्ज को भी उसने अंकित के रुपये से उतारा।
इसके बाद नवंबर माह से उसने दवाई का कारोबार करना शुरू किया। जानकारी करने पर पता चला कि वह मोदीनगर में कई मेडिकल स्टोर पर जाकर दुकानदारों से संपर्क कर माल के बारे में पूछ चुका है।
आपको बता दें कि गाजियाबाद के मोदीनगर में राधा एंक्लेव में किराये पर रहने वाले पीएचडी के छात्र अंकित खोखर (35) की उसके मकान मालिक उमेश शर्मा ने एक करोड़ के लिए हत्या कर दी और आरी से शव के पांच टुकड़े कर अलग-अलग जगह फेंक दिए।
दो टुकड़े गंगनहर और एक ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंका गया। धड़ खतौली में फेंका। पुलिस उमेश और उसके दोस्त प्रवेश को गिरफ्त में लेकर बुधवार को वारदात का खुलासा किया। छह अक्तूबर से लापता बताए गए अंकित के शव के टुकड़े अभी नहीं मिले हैं।