शिमला। राज्यसभा चुनाव में करारी हार के बाद हिमाचल में कांग्रेस की फजीहत हुई। सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर संकट के बादल फिलहाल शांत दिखाई दे रहे हैं लेकिन, अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को मामले में तीन पन्नों की सीक्रेट रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें सुक्खु के आलोचना की गई है। खबर ये भी है कि रिपोर्ट में प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को पद से हटाने की सिफारिश शामिल है।
राज्यसभा चुनाव के बाद हिमाचल प्रदेश की सरकार पर जिस तरह संकट के बादल आ गए थे, उस पर कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने एक सीक्रेट रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि सुक्खू सरकार पर से संकट के बादल फौरी तौर पर छंट गए लेकिन, अभी लड़ाई लंबी है। पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस चीफ खरगे को सौंपी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि सुक्खू का पद चुनाव तक सेफ रखा जाए। चुनाव के बाद विचार किया जा सकता है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को तीन पन्नों की गोपनीय रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रति नाराजगी और आलोतना की गई है। साथ ही 6 विधायकों के बागी होने के पीछे राज्य कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सीक्रेट रिपोर्ट में विक्रमादित्य सिंह की भूमिका पर भी ध्यान दिया गया है। ऐसा लिखा है कि अभी विक्रमादित्य से कहा है कि लोकसभा चुनाव तक सुक्खू की कुर्सी नहीं जाने वाली।
कांग्रेस पर्यवेक्षकों द्वारा खरगे को सौंपी गई रिपोर्ट में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग का प्रमुखता से जिक्र है। जिसमें कांग्रेस के 6 विधायकों द्वारा भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की गई थी। इसमें परिणाम यह निकला था कि कांग्रेस उम्मीदवार विधानसभा में पार्टी के 40 विधायकों के संख्याबल के बावजूद हार गए। वहीं, 25 विधायकों के संख्याबल के साथ भाजपा उम्मीदवार की जीत हुई थी। रिपोर्ट में इस प्रकरण पर सुखविंदर सिंह सुक्खू की आलोचना की गई है। यह कहा गया है कि मुख्यमंत्री अपने विधायकों को एक साथ रखने में असमर्थ थे।
रिपोर्ट में विक्रमादित्य सिंह के सुक्खू सरकार के खिलाफ बागी तेवरों पर भी लिखा गया है। पर्यवेक्षकों ने पाया है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पर आए संकट में विक्रमादित्य सिंह ने अनुशासन तोड़ा है। उनके कार्यों से पार्टी नेताओं ने यह संदेह भी जताया कि आने वाले समय में उन पर भरोसा किया जाए या नहीं? उधर, 6 बागी विधायकों पर पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि क्रॉस वोटिंग के लिए उन्हें मोटी रकम दी गई।
पर्यवेक्षकों ने खरगे को सौंपी सीक्रेट रिपोर्ट में प्रदेश सरकार पर मंडरा रहे संकट को दूर करने के लिए कुछ सिफारिश भी की हैं। इसमें लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले असंतुष्ट विधायकों को निगम और कई विभागों में पद देने की बात कही गई है।
पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट में पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह को आड़े हाथों लिया है। इंडिया टुडे के मुताबिक, सीक्रेट रिपोर्ट में ऐसा प्रस्ताव है कि प्रतिभा को पीसीसी चीफ से हटाकर लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया जाए। उनके स्थान पर पीसीसी का पद किसी और को दिया जाए। रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिभा सिंह पार्टी विधायकों को एकजुट करने में विफल रहीं।