करनाल. प्रदेश सरकार के बजट में की गई घोषणाओं से जिले की शिक्षा व्यवस्था आधुनिक होगी। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक बदलाव और नयापन नजर आएगा। प्राथमिक स्कूलों में जहां पांचवीं कक्षा से ही विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा मिलेगी। वहीं सभी कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी स्मार्ट क्लास रूम में पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा विज्ञान के मेधावी विद्यार्थियों को नासा और इसरो की एक्सपोजर विजिट का भी मौका मिलेगा। सभी गांवों में पुस्तकालय खुलेंगे और सरकारी स्कूलों में हैरिटेज कार्नर की सौगात भी मिलेगी। विभिन्न प्रशिक्षण से बच्चों और युवाओं के कौशल विकास की बात भी की गई है। बजट में बेटियों एवं छात्राओं का भी खास ध्यान रखा गया है। साथी योजना से बेटियों के लिए परिवहन सुविधा बढ़ाने का भी दावा किया गया है। वहीं स्कूली बच्चों की साल में दो बार स्वास्थ्य जांच की भी योजना बनाई जा रही है। इन सभी घोषणाओं के लागू होने से जिले के 779 राजकीय स्कूलों और 12 सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले ढाई लाख विद्यार्थियों के अलावा ग्रामीण युवाओं को भी लाभ होगा। शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होने से युवाओं का भविष्य भी संवरेगा।
- कॉलेज-
स्मार्ट क्लासरूम से डिजिटल एजूकेशन को मिलेगा बढ़ावा
जिले में ग्रामीण और महिला मिलाकर 12 सरकारी कॉलेज हैं। जहां विभिन्न कोर्स में 75 हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। वर्तमान में केवल तीन कॉलेजों में ही स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था है वो भी एक-दो कमरे ही हैं। बजट में सरकार ने सभी कॉलेजों में कम से कम दस स्मार्ट क्लासरूम बनाने की बात की है। इससे डिजिटल एजूकेशन को बढ़ावा मिलेगा।
- स्कूली शिक्षा-
सीबीएसई स्कूल में पढ़ने का पूरा होगा सपना
सरकार ने मॉडल संस्कृति स्कूलों को 138 से बढ़ाकर 500 करने की घोषणा की है। वर्तमान में जिले में सात सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। यदि सरकार तीन गुना ज्यादा स्कूलों को मॉडल संस्कृति में बदलेगी तो हजारों विद्यार्थियों की इन सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने का सपना साकार होगा। वर्तमान में केवल 700 सीटों पर ही विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
- प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा-
पेंसिल से सीधे की-बोर्ड पर आएंगे विद्यार्थी
जिले के 449 प्राथमिक राजकीय स्कूलों में अभी बच्चे पेंसिल और चॉक से पढ़ाई करते हैं। अब पांचवीं कक्षा में कंप्यूटर शिक्षा के शामिल होने से विद्यार्थी पेंसिल से सीधे की-बोर्ड पर आएंगे। इसके अलावा कौशल विकास के लिए अटल टिंकरिंग लैब की तर्ज पर स्टेम लैब की भी स्कूलों में स्थापना होगी। स्कूलों में विषय वार ओलंपियाड भी शुरू करने की योजना है।
- परिवहन और स्वास्थ्य लाभ
विशेष बस से स्कूल आएंगी छात्राएं, स्वास्थ्य का भी रहेगा ध्यान
लड़कियों को परिवहन सुविधा के लिए साथी योजना शुरू होगी। इसके तहत विशेष बसें भी चलेंगी। वहीं नए शैक्षणिक सत्र से स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू होगा। इसमें स्कूली बच्चों की साल में दो बार स्वास्थ्य जांच होगी। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। इस डाटा को ई उपचार पोर्टल से जोड़ा जाएगा। अभी केवल सात बसें ही छात्राओं के लिए चल रही हैं।
- छात्रवृत्ति और कौशल विकास
छात्रवृत्ति बनेगा सहारा, कौशल से होगा भविष्य उजियारा
डॉ. आंबेडकर मेधावी छात्र योजना से स्कूली शिक्षा के समय से ही हर वर्ग के मेधावी विद्यार्थी को छात्रवृत्ति मिलेगी। इससे उन्हें पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद मिलेगी। वहीं कौशल विकास के लिए गुरु-शिष्य योजना और औद्योगिक क्षेत्रों में दोहरी ट्रैक प्रणाली के तहत कौशल प्रशिक्षण केंद्र खोलेंगे। जहां प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों का भविष्य भी रोजगार मिलने से उज्ज्वल होगा।
छोटे बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा जरूरी
छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा जरूरी है। कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन हुई पढ़ाई में इसकी जरूरत महसूस की गई। सरकार का निर्णय अच्छा है। बच्चों का विकास होगा।