मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार के आम बजट में आयकर छूट की सीमा सात लाख रुपये किए जाने से जिले में 13 हजार 700 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और अधिकतम लिपिक आयकर के दायरे से बाहर आ जाएंगे।
बजट में आयकर छूट की सीमा पांच लाख से सात लाख किए जाने से कर्मचारियों को राहत मिली है। सरकार की इस घोषणा से जिले में ट्रेजरी से वेतन पा रहे 13 हजार 700 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इनमें से 50 प्रतिशत कर्मचारी तो ऐसे है, जो पूरी तरह आयकर से बाहर आ जाएंगे। खासकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और लिपिक संवर्ग के कर्मचारी बजट में हुई घोषणा के बाद बेहद खुश हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग में 2800 शिक्षक कार्यरत हैं, इन शिक्षकों को भी बजट की घोषणा का सीधा लाभ होगा। जिन शिक्षकों को नौकरी करते हुए दस साल से अधिक हो गए है वही जाकर आयकर की सीमा में आएंगे। नई नियुक्ति और कुछ दिन पहले नौकरी वाले शिक्षक अब टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे। सरकार की घोषणा से इन शिक्षकों में खुशी की लहर है।
राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष राहुल चौधरी का कहना है कि सरकार का यह आयकर सीमा सात लाख किए जाने का निर्णय स्वागत योग्य है। यह ऐसी घोषणा है, जिसका कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा। इस घोषणा से जहां कुछ कर्मचारी पूरी तरह आयकर की सीमा से बाहर हो जाएंगे। वहीं जो बाहर नहीं आ रहे हैं उन्हें भी अब कम टैक्स देना पड़ेगा।
विकास भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजीव शर्मा का कहना है कि कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। दायरा बढ़ाए जाने से अधिक टैक्स दे रहे कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी। लंबे समय से कर्मचारी स्लैब में परिवर्तन की मांग करते आ रहे थे।