मुज़फ्फरनगर : आज होलिका दहन है, फिर कल यानी 25 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। होलिका दहन के समय अग्नि की पूजा का सबसे ज्यादा महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन भद्रा काल के न रहने पर ही शुभ माना जाता है। आज भद्रा रात 10 बजकर 27 मिनट पर खत्म हो जाएगी, फिर इसके बाद होलिका दहन किया जा सकता है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त आज रात 11 बजकर 15 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
आज रात को होलिका दहन का त्योहार मनाया जाएगा। इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा जिसके कारण भद्रा के खत्म होने के बाद ही होलिका जलेगी। पंचांग के मुताबिक भद्रा आज सुबह 09 बजकर 24 मिनट से शुरू हो गई थी, जो रात 10 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 15 मिनट से आधी रात को 12 यदि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा अधिक है या बुरी शक्तियां है, तो इस समस्या को दूर करने के लिए आप होली की थोड़ी-सी अग्नि को अपने घर ले आएं और पूरे घर में उसे घुमाकर अपने घर के आग्नेय कोण में उस अग्नि को तांबे या मिट्टी के पात्र में रख दें।उसी अग्नि से सरसों के तेल का अखंड दीपक जलाएं।
यदि आपको बुरे सपने आते हैं या आपको अज्ञात भय लगता है तो होली के दिन एक जूट वाला नारियल, काले तिल व पीली सरसों एक साथ लेकर उसे सात बार अपने सिर के ऊपर उतारकर जलती होलिका में डाल देने से आपकी ये समस्या दूर हो जाएगी।
होलिका दहन के दूसरे दिन जली हुई होली की राख को घर लाकर उसमें थोड़ी सी राई व नमक मिलाकर पूरे घर में छिड़काव कर लें। ऐसा करने घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
जिन लोगों के जीवन में बराबर आर्थिक परेशानियां बनी रहती है तो इस समस्या को दूर करने के लिए आप होली के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर चौमुखा दीपक जलाएं।
यदि आपके व्यापार या नौकरी में बरकत न हो रही हो, तो 7 साबुत गोमती चक्र लेकर उन्हें गंगाजल से शुद्ध करके होलिका दहन की रात में शिवलिंग का अभिषेक करते हुए अर्पित कर दें।
यदि आपको धन या सेहत संबंधी कोई परेशानी है या बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है तो एक सूखा गोला लेकर उसमें अलसी का तेल, काले तिल और थोड़ा सा गुड़ डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें, इससे लाभ होगा।
अगर आपके घर में कोई बीमार है तो होलिका दहन की राख को किसी कपड़े या कागज में लपेटकर बीमार व्यक्ति के तकिए के नीचे रखें ऐसा करने से धीरे-धीरे बीमारी दूर होगी और व्यक्ति की सेहत में धीरे-धीरे सुधार आता जाएगा।
होलिका दहन फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर करने का विधान होता है। इस बार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को 09 बजकर 5 मिनट आरंभ हुई है और इसका समापन 25 को दोपहर को होगा। इस तरह से पूर्णिमा तिथि दो दिनों तक रहेगी। वैदिक पंचांग के अनुसार होलिका दहन 24 मार्च को रात्रि 11 बजकर 12 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 31 मिनट के बीच किया जा सकता है।
होली सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार होता है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन की जाती है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है। आज होलिका दहन और कल रंगों वाली होली मनाई जाएगी। होलिका दहन पर आज सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का निर्माण हुआ है। होलिका दहन करने से साथ ही आठ दिनों तक चलने वाला होलाष्टक भी खत्म हो जाता है।