नई दिल्ली. अक्सर हम बाजार से कोई चीज खरीदने जाते हैं तो सबसे पहले उसकी गारंटी या वारंटी के बारे में पूछते हैं. गारंटी या वारंटी के हिसाब से ही सामान की मजबूती और टिकाऊ होने का पता चलता है. मगर कई बार यह देखा जाता है कि सामान खरीदने के जब वह गारंटी या वारंटी पीरियड में खराब हो जाता है और जब हम उसे बदलने जाते है तो कई बार दुकानदार उसे बदलने में आनाकानी करने लगता है.
ऐसे में कस्टमर को बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है. ग्राहकों को इस परेशानी को दूर करने उपभोक्ता कमीशन ने कुछ जरूरी कदम उठाए हैं. अगर दुकानदार गारंटी और वारंटी पीरियड के सामान को रिपेयर या रिप्लेस करने में आनाकानी करता है तो ऐसी स्थिति में कस्टमर इसकी शिकायत दर्ज करा सकता हैं. हम आपको इस तरह की शिकायत दर्ज कराने के प्रोसेस के बारे में बताते हैं-
अगर आप कोई दुकानदार ग्राहक के साथ धोखाधड़ी करता है और उसे खराब सामान बेचता है या गारंटी या वारंटी के बाद भी सामान को रिपेयर या रिपलेट नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए आपको एक वकील की मदद लेनी होगी. इसमें आपको किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा और आप अपना नाम, पता, दुकान का नाम, पता और शिकायत के पूरे डिटेल्स फिल करके जमा कर सकते हैं. इसके साथ ही आप अपनी शिकायत के साख बिल या गारंटी/वारंटी कार्ड भी जमा कर दें. यह शिकायत उपभोक्ता कमीशन को करनी होगी.
अगर आपकी शिकायत 5 लाख रुपये तक के मूल्य के सामान के लिए है तो उसकी सुनवाई जिला कंज्यूमर फोरम में होगी. वहीं 5 लाख से अधिक और 20 लाख रुपये से कम के सामान की सुनवाई राज्य आयोग में होगी. वहीं 20 लाख रुपये से अधिक के सामान की सुनवाई राष्ट्रीय आयोग करेगा. वहीं आप राज्य आयोग के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय आयोग में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.