पंजाब. 77 साल के सिमरनजीत सिंह मान ने पंजाब की संगरूर सीट पर धमाकेदार जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी का किला धवस्त कर दिया। मान 23 बाद तीसरी बार सांसद बने हैं। वह 1999 में भी संगरूर सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। बड़ी बात यह है कि संगरूर सीएम भगवंत मान का गृह जिला है। यहां से आप प्रत्याशी गुरमेल सिंह की करारी हार आम आदमी पार्टी के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।
हमेशा से बदलाव के साक्षी रहे संगरूर की जनता ने इस बार पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान पर विश्वास जताया है। अपनी पुलिस सर्विसस में आपरेशन ब्ल्यू स्टार से आहत होकर आइपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कूदे सिमरनजीत सिंह मान को राजनीति ने कई उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले।
1945 को एक राजनीतिक घरानों में जन्में सिमरनजीत सिंह मान को पहली बार 1989 में तरनतारन की जनता ने संसद तक उस समय पहुंचाया था, जब वह जेल में बंद थे। करीब 5 लाख वोट के अंतर से उन्होंने एकतरफा जीत हासिल की थी। उसके बाद संगरूर की जनता ने 1999 में अकाली व कांग्रेसी दिग्गजों को पिछड़कर मान को संसद की सीढ़ियां चढ़ाई।
हालांकि संसद में भी कृपाण साहिब को साथ लेकर जाने को लेकर मान हमेशा विवादों में रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने असूलों से समझौता नहीं किया। अगर सिमरनजीत सिंह मान के राजनीतिक कैरियर की बात करें तो 1999 के बाद उन्हें हमेशा जनता ने नकारा ही है, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में सिमरनजीत सिंह मान के हक में उतरे दीप सिद्धू समेत अन्य कलाकारों ने मान के हक में जमकर प्रचार किया था व चुनावों के दौरान दीप सिद्धू की मौत ने मान के हक में एक लहर भी चलाई थी। हालांकि वह तब भी अाम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से शिकस्त खा गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ के तौर पर अपनी चुनाव मुहिम को चलाया, जिसने उन्हें जीत दिलाई।
गौर हो कि सिमरनजीत सिंह मान का जन्म 20 मई 1945 में हुआ। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल जोगिंदर सिंह मान 1967 विधानसभा स्पीकर भी रहे। यहीं से उन्हें राजनीतिक गुड़ती मिली थी। शिरोमणि अकाली दल (अ) के प्रधान सिमरजीत सिंह मान ने 1989 में लोकसभा हलका तरनतारन से जीत दर्ज की थी। 1999 से लोकसभा हलका संगरूर से विजेता रहे। 23 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद सिमरनजीत सिंह मान को संगरूर लोकसभा सीट पर दोबारा जीत मिली है।
सिमरनजीत सिंह मान ने 1966 में आइपीएस की परीक्षा पास की व 1967 में बतौर आइपीएस पुलिस फोर्स ज्वाइन की। पंजाब के फिरोजपुर, फरीदकोट समेत अन्य जिलों में एसएसपी के तौर पर तैनात रहे। डिप्टी डायरेक्टर विजीलेंस चंडीगढ़ तैनात रहे।
बताया जाता है कि बतौर आइपीएस अधिकारी अपनी सेवा के दौरान मान ने पाकिस्तान के ड्रग स्मग्लर का ट्रैक ब्रेक किया। 7400 के करीब नशा तस्करों को पकड़ा था। नशे के खिलाफ सिमरनजीत सिंह मान हमेशा से सख्त रहे हैं। अपनी पुलिस सर्विसिस व इसके बाद राजनीतिक प्लेटफार्म पर भी वह नशे के मुद्दे पर हमेशा सत्ताधारी पार्टियों पर कटाक्ष करते रहे हैं।