पूठा गांव निवासी मीनू पत्नी लवली चौधरी का शव 20 मई को हस्तिनापुर में भद्रकाली चौकी के पास पड़ा मिला था। फिलहाल वह अपने पति के साथ इंद्रापुरम में रह रही थी, जबकि उसका मायका गाजियाबाद के सर्वोदय नगर विजय नगर में है। पति की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
जांच में सामने आया कि मृतका मीनू आधार कार्ड से लोन दिलाने का काम करती थी। नई बस्ती के लल्लापुरा निवासी अर्जुन पुत्र मनोज उसका सहयोगी था, जो फाइल का काम पूरा करता था। मीनू अपने पति लवली के साथ पूठा गांव में रहती थी। करीब तीन-चार माह पहले मीनू और लवली का अपने परिवार के लोगों से झगड़ा हो गया था। इसमें लवली और अर्जुन को भी चोट लग गई थी। अर्जुन के पैर में अभी तक प्लास्टर चढ़ा है और वह बिस्तर पर है। इसी दौरान अर्जुन और मीनू के बीच प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया। मीनू के लिए अर्जुन कुछ भी कर गुजरने को तैयार था, जबकि अर्जुन के घरवाले मीनू से नफरत करते थे। इसके बावजूद वह अर्जुन के पास घर पर आती-जाती थी। इस पर अर्जुन के पिता मनोज और भाई अरुण ने मीनू को रास्ते से हटाने की योजना तैयार की
साजिश के तहत उन्होंने मीनू से कहा कि अर्जुन की हालत में सुधार नहीं हो रहा। उसके स्वस्थ होने की कामना के लिए भद्रकाली माता मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए जाना है। इस बहाने से उन्होंने मीनू को अपने साथ ले लिया। तीनों ने पहले मंदिर में प्रसाद चढ़ाया। इसके बाद जैसे ही मीनू गाड़ी में सवार हुई तो उन्होंने उसे पकड़कर चाकू से उसका गला रेत दिया। थोड़ी देर तक शव को गाड़ी में पड़ा रहने दिया और फिर शव को सड़क पर फेंक दिया। हत्याकांड के बाद वह अपने घर चले गए और गाड़ी को भी घर में खड़ा कर दिया। जांच में स्पष्ट होने के बाद पुलिस ने आरोपी मनोज को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अरुण अभी फरार है। गाड़ी के अंदर पायदान के नीचे से हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया गया।
जिस समय पुलिस ने मीनू का शव बरामद किया, उसके ऊपर आधार कार्ड और मोबाइल रखा मिला था। तभी शक गहरा गया था कि कोई नजदीकी ही है। पकड़े गए आरोपी ने पूछताछ में बताया कि यदि वह मीनू के शव को पानी में फेंक देते तो उसका शव मिलना मुश्किल था। ऐसे में उसका बेटा अर्जुन फिर भी मीनू की तलाश करता रहता। मोबाइल और आधार कार्ड इसलिए शव के ऊपर रखा कि मीनू की पहचान हो जाए और अर्जुन भी मान जाए कि मीनू मर चुकी है।