मेरठ। लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी मुस्लिम मतों में सेंध लगाने की तैयारी में है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से बसपा प्रत्याशी याकूब कुरैशी को मिले मतों के आंकड़े को आधार बनाया जा रहा है। पार्टी सूत्रों की माने तो इस बार भी बसपा मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के लिए मुस्लिम वर्ग पर ही दाव लगाने की तैयारी में है।मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर 19 लाख से अधिक मतदाता हैं। जिनमें मुस्लिम साढ़े पांच लाख और दलित वोटर तीन लाख से अधिक हैं। बसपा नेताओं का मानना है कि जब जब दलित, मुस्लिम और अतिपिछडी जातियों ने का समीकरण बना तब तब प्रदेश में बसपा ने सत्ता हासिल की है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा-सपा गठंबधन में थी। बसपा के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी लोकसभा प्रत्याशी थे।
लोकसभा चुनाव में बसपा का हाथी दलित और मुस्लिम वर्ग में खूब दौड़ा और बसपा प्रत्याशी को 581455 वोट मिले। मतगणना के दौरान बसपा प्रत्याशी के कार्यकर्ता इतना उत्साहित था कि विजय घोषित होने से पहले ही शहर में विजय जुलूस निकाल दिए गए थे। हालांकि बाद में जिला प्रशासन द्वारा घोषित चुनाव परिणाम में भाजपा के राजेन्द्र अग्रवाल को 586184 मतों के साथ 4709 मतों से विजयी घोषित किया गया था। उधर कांग्रेस से हरेन्द्र अग्रवाल चुनाव मैदान में थे जिनको 34479 मत ही मिले थे। बसपा इस बार मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर ही नहीं बल्कि अधिकतर उन सभी लोकसभा सीटों पर आंकड़े बाजी में जुटी है जहां उनके प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। दलित- मुस्लिम वोट फिर पार्टी को मिले इसके लिए बसपा मुस्लिम नेताओं को संगठन में महत्वपूर्ण स्थान दे रही है।
हाल ही में बसपा हाईकमान ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बाबू मुनकाद अली को मेरठ मंडल का प्रभारी बनाया है। बसपा के पुराने नेता शाहजहां सैफी भी मंडल प्रभारी की जिम्मेदारी देख रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ समय पहले मेरठ मंडल से हटाए गए समशुददीन राइन को फिर से मेरठ मंडल प्रभारी बनाकर भेजा गया है। बाबू मुनकाद अली का कहना है कि पार्टी अपने पुराने कार्यकर्ताओं के साथ मुस्लिम, दलित और ओबीसी समीकरण को साधने का काम कर रही है। मुस्लिम, दलित समीकरण के आधार पर बसपा की यह सीट बेहद मजबूत है। शीघ्र ही पार्टी हाईकमान स्तर से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जाएगी। पार्टी अकेले अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी।