मुज़फ्फरनगर। लोकसभा चुनाव की तेज होती रफ्तार के बीच मुजफ्फरनगर संसदीय क्षेत्र से इंडिया गठबंधन में सपा के प्रत्याशी राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक के विधायक पुत्र और पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ गुपचुप मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस की ओर से इस कार्यवाही की कानों-कान किसी को खबर भी नहीं लगने दी गई। 11 दिन बाद सपा विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलने पर सपाईयों में रोष नजर आया। विधायक के पिता और सपा प्रत्याशी ने इसे घिनौनी मानसिकता वाली हरकत बताया तो वहीं विधायक ने भी इस पर कई सवाल उठाये हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि कार्यवाही किसी के दबाव में नहीं की गयी है।
थाना सिविल लाइन के उप निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार गौड द्वारा थाने पर 18 मार्च 2024 को जुबानी सूचना के तहत सपा विधायक पंकज मलिक और सपा के राष्ट्रीय सचिव राकेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उप निरीक्षक के द्वारा थाने पर दी गई जुबानी सूचना के तहत कहा गया कि 17/18 मार्च की रात्रि में थाना सिविल लाइन क्षेत्र में जनपद वाराणसी से यूपी बोर्ड परीक्षा की काॅपी लेकर आये शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार को मुख्य आरक्षी चन्द्रप्रकाश यादव ने गोली मारने की घटना की थी, इसमें अध्यापक की मौत हो गई थी।
इस घटना को लेकर 18 मार्च की सुबह सरकूलर रोड पर छोटूराम इंटर काॅलेज के सामने शिक्षक संघ के पदाधिकारी तथा अध्यापकों के द्वारा सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। उच्चाधिकारियों के मौके पर जाने और उनको लगातार समझाने के बाद भी वो लोग सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। इसी दौरान समाजवादी पार्टी के चरथावल सीट से विधायक पंकज मलिक और समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा भी मौके पर पहुंच गये तथा उनके द्वारा भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया गया। कहा गया कि इस समय पूरे देश में आदर्श आचार संहिता तथा धारा 144 भी लागू है। समाजवादी पार्टी के विधायक पंकज मलिक और जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा के द्वारा आदर्श आचार संहिता और धारा 144 का उल्लंघन करते हुए आईपीसी की धारा 188 के अन्तर्गत अपराध किया है।
दरोगा शैलेन्द्र कुमार गौड की जुबानी सूचना पर सिविल लाइन थाने में विधायक पंकज मलिक और सपा नेता राकेश शर्मा के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर 18 मार्च को ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामले में एसएचओ ओमप्रकाश शर्मा ने थाने के एसआई सतेन्द्र सिंह ढिल्लो को मुकदमे की विवेचना भी सौंप दी, लेकिन इसकी थाना पुलिस या पुलिस अफसरों ने किसी को भी कानों कान खबर नहीं होने दी।
एसएचओ ओमप्रकाश ने इस सम्बंध में बताया कि विधायक पंकज मलिक और राकेश शर्मा राजनीतिक पार्टी से सम्बंध रखते हैं, उनको वहां नहीं जाना चाहिए था। शिक्षक नेताओं पर मुकदमा दर्ज नहीं होने के सवाल को वो टाल गये। गुपचुप कार्यवाही पर उन्होंने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन ही हमने मीडिया के साथ यह जानकारी साझा कर दी थी। इसमें किसी भी प्रकार के सत्ता के दबाव से उन्होंने इंकार किया है।
विधायक पुत्र पर मुकदमा दर्ज होने को लेकर सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि उनको इसकी जानकारी ही नहीं है। मीडिया के माध्यम से ही पता चल रहा है कि एक निर्दोष दलित शिक्षक धर्मेन्द्र की नृशंस हत्या किये जाने के खिलाफ गमजदा शिक्षक समाज की भावना के साथ कुछ देर खड़ा रहकर शोक जताने पर पंकज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह बेहद घिनौनी मानसिकता वाली हरकत है। वहीं विधायक पंकज मलिक ने भी इस कार्यवाही पर कई सवाल उठाये हैं।