मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के लिए दाखिल किए गए नामांकन पत्रों की जांच में 27 नामांकन पत्र निरस्त किए जाने की सूचना है। जिन उम्मीदवारों के पर्चे कैंसिल किए गए हैं उनमें विधायक पंकज मलिक व राजपूत समाज से चुनाव मैदान में उतरे नंदकिशोर पुंडीर भी शामिल हैं।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के लिए आज सुबह 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक डीएम कोर्ट में नामांकन पत्रों की जांच की गई, जिसमें कुल 38 नामांकन पत्रों में से 27 विभिन्न खामियों के चलते जांच के दौरान निरस्त कर दिए गए हैं, जबकि अब 11 पर्चे सही रह गये हैं। परसों को नाम वापसी के बाद ही तस्वीर साफ हो पायेगी। जांच में जो पर्चे निरस्त हुए हैं, उनमें मुख्य रूप से चरथावल विधायक पंकज मलिक, उनकी पत्नी पायल मलिक, नंदकिशोर पुंडीर, मनोज सैनी, शाह आलम शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव के मैदान में प्रत्याशी के रूप में उतरने वालों में से कई के अरमान आज चकनाचूर हो गये। नामांकन पत्र भरने के दौरान चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के तहत गलतियां करना उनको भारी पड़ गया। ऐसे में पर्चा निरस्त होने पर कई प्रत्याशियों ने नामांकन कक्ष के बाहर ही जमकर हंगामा किया। एक प्रत्याशी तो धरने पर बैठ गया और रिटर्निंग ऑफीसर से मिलने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगा था। वहां तैनात पुलिस फोर्स के जवानों ने इस प्रत्याशी को जबरन वहां से उठाया तो धक्का मुक्की भी हो गई।
इसके बाद खींचते हुए इसको नामांकन कक्ष परिसर से बाहर किया गया। इसके साथ ही नन्द किशोर पुण्डीर के चुनाव लड़ने के अरमानों पर पानी फिर गया, जबकि उनकी पत्नी का पर्चा स्वीकार कर लिया गया। वहीं त्यागी समाज के प्रत्याशी सुनील त्यागी का नामांकन भी स्वीकार होने पर समाज में हर्ष नजर आया। समाचार लिखे जाने तक 38 प्रत्याशियों में से कुल नौ प्रत्याशियों के पर्चे निरस्त किये जा चुके थे।
बता दें कि मुजफ्फरनगर संसदीय क्षेत्र पर 19 अपै्रल को होने वाले चुनाव के लिए 20 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई है। पहले चरण में यहां मतदान होना है। इसके लिए 26 और 27 मार्च को दो दिन ही नामांकन की मारामारी रही है। गुरूवार को सवेरे 11 बजे से रिटर्निंग ऑफीसर जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी की अगुवाई में नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी का कार्य शुरू हुआ।
इस दौरान राष्ट्रीय जनलोक पार्टी सत्य से प्रत्याशी नन्द किशोर पुण्डीर का पर्चा त्रुटि पाये जाने के कारण निरस्त कर दिया गया, जबकि इसी पार्टी से नामांकन करने वाली उनकी पत्नी कविता का पर्चा स्वीकार कर लिया गया है। नन्द किशोर भाजपा से टिकट मांगकर तैयारी कर रहे थे।
इसके साथ ही शिवसेना से प्रत्याशी मनोज सैनी के नामांकन पत्र में भी जांच कमेटी को कमी मिली तो पर्चा निरस्त करने का ऐलान कर दिया गया। वैसे ही मनोज सैनी ने नामांकन कक्ष के बाहर हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी कमी उनको सहायक रिटर्निंग ऑफीसर द्वारा बताई गई थी, अपने अधिवक्ता के साथ उसको पूरा करा दिया गया था। इसके बावजूद भी सत्ता के दबाव में उनका पर्चा निरस्त किया गया है।
वहीं निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. गौतम आनंद का भी पर्चा त्रुटियों के कारण निरस्त करने की घोषणा जिला निर्वाचन अधिकारी ने की तो नामांकन कक्ष के बाहर उन्होंने भारी हंगामा करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
इस दौरान गौतम वहीं धरने पर बैठ गये। पुलिस फोर्स के जवानों ने उनको जबरन खींचकर धरने से उठाने का प्रयास किया तो धक्कामुक्की भी शुरू हो गई। उनको जबरदस्ती नामांकन कक्ष परिसर से बाहर कर दिया गया। गौतम का कहना था कि उनके द्वारा तीन बार बुलाये जाने पर नामांकन पत्र में कमियों को ठीक कराया, लेकिन एक साजिश के तहत पर्चा निरस्त किया गया है। इसके साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी राजकिशोर गर्ग, ओमपाल, हंस कुमार, रणधावा, रेणु शर्मा, अंकित और रणधावा का भी पर्चा निरस्त कर दिया गया।