मेरठ. क्या सौर ऊर्जा से भी पानी को ठंडा किया जा सकता है? जी हां! मेरठ की आंचल ने एक ऐसा डिवाइस तैयार कर दिया, जो सूरज की गर्मी से पानी को ठंडा करेगा. मेरठ की इस होनहार बेटी ने गर्मी में पानी को ठंडा करने के लिए एक खास तरह का सोलर कूलिंग बोतल बेल्ट बनाया है. इस सोलर बेल्ट डिवाइस को पानी की बोतल या कोल्ड्रिंक्स के बोतल पर एक घड़ी की तरह लगा दिया जाता है. आंचल का दावा है कि इसके सोलर पैनल को धूप में रखकर बोतल के पानी को ठंडा किया जा सकता है.
आंचल ने बताया कि इसका इस्तेमाल वे लोग भी कर सकते हैं जो तेज धूप में भी मोटरसाइकिल या साइकिल से सफर करते हैं. आंचल का कहना है कि लोग इस डिवाइस की मदद से अपने पास रखे पानी से भरे बोतल को ठंडा कर सकते हैं. इस डिवाइस से उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो दिन में धूप में रहकर कार्य करते हैं.
आंचल का कहना है कि ये डिवाइस बेहद सस्ती है और बिना बिजली के काम करती है. आंचल के इस कूलिंग बेल्ट से 1 लीटर पानी के बोतल को ठंडा होने में तकरीबन 1 से 2 घंटे लग जाते हैं, लेकिन अगर इस प्रोजेक्ट को और बेहतर किया जाए तो ये कुलिंग सोलर बेल्ट और भी कम समय में पानी की बोतल को ठंडा कर सकता है.
इस बेल्ट में सोलर कूलिंग फैन के साथ थर्मल कुलिंग प्लेट को लगाया गया है. पानी से भरे बोतल के ऊपर बेल्ट के लगाने से बेल्ट में लगा थर्मल कुलिंग प्लेट पानी के बोतल के बाहरी सतह से चिपक जाता है. इसके बाद जैसे कुलिंग बेल्ट से लगे सोलर को जैसे-जैसे धूप मिलती है, थर्मल कूलिंग प्लेट की मदद से बोतल में भरा पानी ठंडा होने लगता है.
आंचल का कहना है कि धूप जितनी तेज होगी पानी उतना ही जल्दी ठंडा होगा. आंचल के कूलिंग बेल्ट को और बेहतर बनाने के लिए मेरठ के (अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर) एमआईईटी कॉलेज से आंचल को पूरी मदद दी जा रही है. दरअसल एमआईईटी का अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर ऐसी प्रतिभाओं को मंच देता है, जो अपने आईडिया इन्नोवेशन को मूर्तरूप दे सकते हैं.
आंचल ने बताया कि इस डिवाइस को बनाने में कई महीने का समय लगा है और लगभग 3 से 4 हजार रुपये का खर्च आया है. इसे बनाने में 6 वोल्ट सोलर प्लेट-थर्मल कुलिंग प्लेट, 6 वोल्ट कूलिंग फैन, रबड़ बेल्ट का इस्तेमाल किया गया है. एमआईईटी इंजीनियरिंग कॉलेज की तरफ से बताया गया कि आंचल के प्रोजेक्ट को सुधार कर पेटेंट कराने में संस्थान पूरी मदद करेगा.
19 वर्ष की छात्रा आंचल सिंह ने (कूलिंग सोलर बोतल बेल्ट) बनाकर अपने इनोवेशन को हकीकत में तब्दील किया है. वाराणसी की रहने वाली आंचल के पिता महाराष्ट्र के कल्याण में पेट्रोल पंप पर काम करते हैं. आंचल महाराष्ट्र के कल्याण में (बिके. बिरला कॉलेज) में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. आंचल पढ़ाई के साथ-साथ स्मॉल किड्स नर्सरी स्कूल में पार्ट टाईम तीन हजार रुपये की नौकरी करतीं हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया से प्रभावित है.
आंचल के इस डिवाइस को बनाने के पीछे एक और रोचक कहानी है. बताते हैं कि आंचल अपने पिता को गर्मी में पसीना पसीना होते देख अनोखी सोलर कूलिंग बेल्ट बनाई है. आंचल के पिता पेट्रोल पंप पर काम करते हैं. अपने पिता को तेज दोपहरी में पेट्रोल पंप पर काम करते हुए बिटिया ने देखा तो उसने ऐसी डिवाइस बना डाली. वाकई में ये प्रयोग अनोखा है अनूठा है.