मुरादाबाद: संभल के साढ़े सात साल पुराने युवती से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने मुलजिम को दोषी करार देते हुए सात साल की कैद की सजा सुनाई है। आरोपी ने धर्म छिपा युवती से दोस्ती कर उससे शादी कर ली थी। अदालत ने दोषी पर उन्नीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मामला संभल जनपद के नखासा थानाक्षेत्र का है। इस क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एक युवती ने नौ सितंबर 2014 को नखासा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया था कि संभल के असमेेली थानाक्षेत्र के मनोटा गांव निवासी बब्बू ने अपना नाम और धर्म बदल कर उससे दोस्ती की थी। जिसने अपना नाम गुड्डू निवासी अमरोहा बताया था।
धीरे-धीरे बब्बू ने युवती से नजदीकियां बढ़ा लीं। युवती ने शादी का जिक्र किया तो आरोपी ने अमरोहा के एक मंदिर में उससे हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी कर ली। इसके बाद अमरोहा में ही किराये का कमरा लेकर रहने लगा था। शादी के बाद युवती ने आरोपी का ड्राइविंग लाइसेंस देख लिया था। तब युवती को उसके असली धर्म और नाम की जानकारी हो पाई थी। पूछताछ करने पर वह तरह-तरह के बहाने बनाने लगा था। उस दिन के बाद से युवती के साथ गलत व्यवहार करने लगा था।
आरोप है कि आरोपी बब्बू ने युवती को कमरे में बंद कर उसकी बुरी तरह से पिटाई की थी। किसी तरह युवती उसके चंगुल से निकलने में कामयाब हो गई थी। इसके बाद पीड़ित अपने गांव चली गई थी, जहां परिजनों की मदद से थाना नखासा में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी बब्बू को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।
मामले की सुनवाई एससी-एसटी स्पेशल कोर्ट सुनील कुमार प्रथम की अदालत में की गई। जिसमें बचाव पक्ष ने दलील दी कि उसने अपना धर्म नहीं छिपाया था। पीड़ित को सब बातों की जानकारी पहले से थी। वहीं सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए विशेष लोक अभियोजक आनंद पाल सिंह ने दलील देते हुए कहा कि पीड़ित को विवाह के बाद उसके के असली नाम और धर्म की जानकारी हो पाई थी। जिसने अपने अपना नाम पता गलत बताया था, जबकि आरोपी पहले से शादीशुदा था और उसके बच्चे भी हैं। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी को दुष्कर्म की घटना का दोषी करार देते हुए उसे सात साल के कठोर कारावास की सजा के साथसाथ उस पर उन्नीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।