मुजफ्फरनगर. कहते हैं हौसले बुलंद हों और मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो, तो कुछ भी मुश्किल नहीं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है शिव भक्त पवन ने। एक पैर से दिव्यांग होते हुए भी पवन ने गोमुख से कांवड़ उठाई है।
एक पैर से ही वह 575 किलोमीटर का सफर तय करने जा रहा है। गोमुख से कांवड़ ला रहा हरियाणा का यह भक्त सोनीपत के अपने गांव कुर्ली के शिवालय जाकर गंगा जल चढ़ाएगा।
सोनीपत के गांव कुर्ली में पवन कुमार रहता है। वह पेशे से ड्राइवर है। वह अब तक 15 बार कांवड़ ला चुका है। 7 साल पहले उसकी गाड़ी में आग लग गई थी। इसके चलते हुए एक्सीडेंट में उसका एक पैर खराब हो गया था। फिर भी उसका जज्बा और भोले के लिए श्रद्धा कम नहीं हुई।
पवन ने बताया, ‘‘डॉक्टरों को मजबूरन मेरा पैर काटना पड़ा। मगर, मैंने हार नहीं मानी। एक साल बाद ही कृत्रिम पैर लगवाकर फिर से कांवड़ लेकर गया। मैंने एक पैर गंवाने के बावजूद हर बार की तरह गोमुख से ही कांवड़ उठाई। तब से एक पैर पर ही 5वीं बार कांवड़ लेकर आया हूं।’’
पवन बताते हैं, ‘‘मेरी कोई निजी इच्छा नहीं है। भोले का भक्त हूं और महादेव मुझे बिना मांगे ही सब दे देते हैं। भयंकर एक्सीडेंट से जान बचाई। एक पैर के बल पर ही इच्छाशक्ति दी।’’
कहते हैं, ‘‘भोले बाबा मुझे हर बार अपने अपने दर्शन कराते हैं। मैं बस उनसे एक ही कामना करता हूं कि सभी का भला करना। मेरी मां कहती है कि जो अपने लिए चाहते हो, उसकी कामना सबके लिए करो। ऊपर वाला खुद सब कुछ दे देगा। इतने लोगों की जरूरतों को महादेव कभी नजरअंदाज नहीं कर सकते।’’
पवन बताते हैं, ‘‘मैं गोमुख से कांवड़ लेकर काफी दिन पहले ही चल पड़ा था। रोज 25 किलोमीटर से ज्यादा चल रहा हूं। गोमुख से मेरा पैतृक गांव कुर्ली 575 किलोमीटर है। अगर मन में मजबूत इच्छाशक्ति हो और भोले के लिए अपार श्रद्धा हो, तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता।’’