वॉशिंगटन. पाकिस्तान में भारतीय मिसाइल गिरने के मामले में अमेरिका ने भी भारत का साथ दिया है. अमेरिका ने कहा है कि हाल में भारत की ओर से पाकिस्तान में गिरी मिसाइल के दुर्घटनावश चलने के अलावा अन्य कोई कारण नजर नहीं आता. भारत सरकार ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि दो दिन पहले गलती से एक मिसाइल चल गई थी, जो पाकिस्तान में गिरी और यह ‘‘खेदजनक’’ घटना नियमित रख रखाव के दौरान एक तकनीकी खराबी के कारण हुई थी.
‘‘जैसा कि आपने हमारे भारतीय साथियों से भी सुना है कि यह घटना एक गलती के अलावा और कुछ भी नहीं थी, हमें भी इसके पीछे और कोई कारण नजर नहीं आता.’’ प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘आप इस संबंध में अन्य कोई भी सवाल भारतीय रक्षा मंत्रालय से करें. उन्होंने 9 मार्च को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि वास्तव में उस दिन क्या हुआ था. हम उससे इतर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.’’
क्या है मामला? कहां गिरी मिसाइल?
9 मार्च को भारतीय सेना की एक अनआर्म्ड मिसाइल (बिना हथियारों वाला प्रोजेक्टाइल) गलती से फायर हो गई थी. करीब 261 किलोमीटर दूर यह मिसाइल पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में गिरी. चूंकि इसमें हथियार नहीं थे. इसलिए किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. भारत ने अपनी गलती मानते हुए हाईलेवल कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के ऑर्डर जारी कर दिए थे.
पाकिस्तान के जर्नलिस्ट मोहम्मद इब्राहिम काजी ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि भारत से छोड़ी गई मिसाइल का नाम ब्रह्मोस है. इसकी रेंज 290 किलोमीटर है. इंडियन एयरफोर्स इसका स्टॉक राजस्थान के श्रीगंगानगर में रखती है. हालांकि, पाकिस्तानी फौज का दावा है कि यह मिसाइल हरियाणा के सिरसा से दागी गई.
भारत ने घटना को बताया खेदजनक
बता दें कि तकनीकी गलतियों की वजह से भारत की एक मिसाइल पाकिस्तान में जाकर गिरी थी जिस पर पाकिस्तान ने कड़ा विरोध जताया था. भारत के रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में इस घटना अत्यंत खेदजनक बताया था. बयान में कहा गया, ‘‘तकनीकी खराबी के कारण नौ मार्च को नियमित रखरखाव के दौरान दुर्घटनावश एक मिसाइल चल गई. भारत सरकार ने दुर्घटनावश मिसाइल चल जाने की घटना को गंभीरता से लिया है और उच्च स्तरीय ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दिए हैं.’’
पाकिस्तान ने की संयुक्त जांच की मांग
उधर, पाकिस्तान ने इस घटना से संबंधित तथ्यों का सही तरीके से पता लगाने के लिए एक संयुक्त जांच की मांग की। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के पत्र सूचना कार्यालय की रक्षा इकाई के उस प्रेस वक्तव्य पर गौर किया है, जिसमें उसने 9 मार्च को पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरी भारतीय मिसाइल के ‘‘तकनीकी खराबी’’ के चलते ‘‘दुर्घटनावश चलने’’ पर खेद व्यक्त किया है और एक उच्च स्तरीय ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ कराने का निर्णय किया है.
भारत के उपराजदूत को भी किया था तलब
पाकिस्तान ने भारत के उपराजदूत को तलब किया था बगैर किसी उकसावे के भारतीय मिसाइल द्वारा उसके वायुक्षेत्र के उल्लंघन को लेकर अपना गहरा प्रतिरोध दर्ज कराया. पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद यूसुफ ने शुक्रवार को संवेदनशील प्रौद्योगिकी को संभाल पाने की भारत की क्षमता पर सवाल खड़ा किया और कहा कि भारत सरकार ने दुर्घटनावश मिसाइल चल जाने की घटना के बारे में पाकिस्तान सरकार को अवगत भी नहीं कराया.