नई दिल्ली। भारत में लोग सूअरों को अक्सर किसी कीचड़ या नाले में देखते होंगे. अब आप सोचते होंगे कि आखिर ये सूअर कीचड़ में ही क्यों ही घूमते रहते हैं? इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण है. दरअसल, सूअरों में पसीने की ग्रंथियां नहीं होती हैं, इसलिए उन्हें पसीना नहीं आता है. इसके बजाय वे खुद को ठंडा करने के लिए कीचड़ में डूब जाते हैं. इस बारे में जानकर आप हैरान रह गए ना? तो चलिए हमने आपके लिए सूअरों के बारे में 5 रोच फैक्ट्स को इकट्ठा किए है ताकि आप उनके बारे में थोड़ा और जान सकें और यह पता लगा सकें कि आप इन जानवरों को बेहतर जीवन जीने में मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं.
अक्सर हम यह देखते हैं कि सूअर बेहद ही गंदे जानवर हैं, लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक सूअर वास्तव में साफ-सुथरे जानवर हैं. वे जहां सोते हैं वहां शौच करने से इनकार करते हैं. साथ ही पसंद आने पर ही खाना खाते हैं. यहां तक कि नवजात सूअर भी आराम करने के लिए अपने सोने की जगह छोड़ देते हैं.
सुअरों को पसीना नहीं आता. सूअरों के पसीने की ग्रंथियां ज्यादा नहीं होती हैं, इसलिए वे कीचड़ में सोते हैं और ठंडा रखने के लिए पानी में तैरते हैं. कीचड़ में रहने का एक बोनस यह भी है कि सुअर की त्वचा को धूप से झुलसने से बचाने में मदद करता है.
सूअरों में एक मानव बच्चे की बुद्धि होती है और उन्हें दुनिया के पांचवें सबसे बुद्धिमान जानवर के रूप में स्थान दिया जाता है. वास्तव में, सूअर किसी भी नस्ल के कुत्ते की तुलना में अधिक बुद्धिमान और प्रशिक्षित होते हैं. वे केवल दो सप्ताह में अपना नाम सीखते हैं और जब उन्हें बुलाया जाता है तब आते हैं.
यह सूअरों के बारे में सबसे इंटरेस्टिंग फैक्ट्स में से एक है. मादा सूअर अपने बच्चों को दूध पिलाते समय गाती हैं. नवजात सूअर अपनी मां की आवाज की ओर दौड़ना सीखते हैं, और सूअर लगातार एक दूसरे के साथ डॉयलॉग करते हैं. उनके पास 20 से अधिक अलग-अलग ग्रन्ट्स और स्क्वील्स हैं जिनकी पहचान की गई है. भूख व्यक्त करने से लेकर साथियों को बुलाने तक की सीमा होती है.
क्या आपने कभी सूअरों का ढेर देखा है? सूअर एक-दूसरे के करीब सोते हुए एक-दूसरे से जुड़े रहना पसंद करते हैं, अक्सर अपने दोस्तों को छूना सुनिश्चित करते हैं जब वे सपनों की दुनिया में न चले जाए.