नई दिल्ली. हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। हर महीने दो बार एकादशी आती है- एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। इस साल योगिनी एकादशी 24 जून 2022 को मनाई जाएगी।

योगिनी एकादशी व्रत शुक्रवार 24 जून को है। एकादशी तिथि गुरुवार 23 जून को रात 09 बजकर 41 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 24 जून को रात 11 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। व्रत पारण 25 जून को किया जाएगा।

योगिनी एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी व्रत रखा जाता है। देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान भगवान शंकर सृष्टि का संचालन करते हैं। इन महीनों में शुभ कार्यों की मनाही होती है। निर्जला एकादशी व देवशयनी एकादशी के बीच योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है।

योगिनी एकादशी के उपवास की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से हो जाती है। इस व्रत में तामसिक भोजन का त्याग कर ब्रह्मचर्य का पालन करें। जमीन पर सोएं। सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की आराधना करें। इस व्रत में योगिनी एकादशी की कथा अवश्य सुननी चाहिए। इस दिन दान करना कल्याणकारी होता है। पीपल के पेड़ की पूजा करें। रात्रि में भगवान का जागरण करें। किसी भी प्रकार की द्वेष भावना या क्रोध मन में न लाएं। द्वादशी तिथि को ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।