बिजनौर। सेवाओं के वादे पर खरा नहीं उतरने वाली संस्थाओं के खिलाफ उपभोक्ता मुखर होने लगे हैं। जी हां, इस साल करीब 12 हजार उपभोक्ता आयोग में पहुंच गए, जिन्होंने केस दर्ज कराए हैं। सबसे अधिक शिकायत बीमा क्लेम, बिजली और चिकित्सा सेवाओं को लेकर पहुंच रही हैं। हालांकि 11455 मामलों का निस्तारण हुआ है जबकि 497 लंबित हैं।

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में पिछले साल नवंबर से लेकर इस साल के नवंबर माह तक कुल 11935 मामले दर्ज किए गए। इनमें 9629 मूल शिकायत, 927 इजरा, प्रकीर्ण 1379 वाद शामिल हैं। इस महीने ही 35 मामले निस्तारित किए गए हैं। बता दें कि सबसे अधिक शिकायतें बीमा क्लेम को लेकर पहुंच रही है।

बताया जाता है कि बीमा करते हुए बीमा कंपनी के एजेंट वादा कुछ और करते हैं, क्लेम की बारी आती है तो तमाम पेचीदा शर्त थोप दी जाती है। आखिरकार उपभोक्तओं को आयोग की शरण लेनी पड़ती है। इसके बाद बिजली बिल और बिजली की अन्य सेवाओं को लेकर भी उपभोक्ता काफी संख्या में शिकायत लेकर पहुंचते हैं। अब चिकित्सा सेवाओं से असंतुष्ट लोग भी आयोग में पहुंच रहे हैं। जिनका तर्क होता है कि उनके इलाज में लापरवाही बरती गई है।

साल 2021 की बात करें तो कुल 11676 मामले दर्ज किए गए थे। जिनमें 11049 मामलों का निस्तारण कर दिया गया था, 638 मामले लंबित रह गए थे। इस साल 11935 मामले दर्ज हुए हैं। यानि पिछले साल के मुकाबले करीब 300 शिकायत अधिक पहुंची हैं।