नई दिल्ली. हिंदू पंचांग का पांचवा महीना श्रावण का होता है। जिसे सावन भी कहा जाता है। श्रावण माह के अंतिम दिन यानी कि पूर्णिमा पर चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होता है। इसी कारण से इस महीने का नाम श्रावण रखा गया है। इस बार श्रावण का महीना 14 जुलाई से 11 अगस्त तक रहने वाला है।
इस बार श्रावण का महीना कुछ खास कारणों से बेहद ही शुभ रहने वाला है। ग्रहों की स्थिति और अन्य कारणों के कारण यह खास होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा महीने के अंत में आती है। पूर्णिमा तिथि का धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है।
सावन की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन इस बार सावन में एक नहीं बल्कि 2 पूर्णिमा के योग बन रहे हैं। सावन की पहली पूर्णिमा 11 अगस्त को होगी इस दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। वहीं अगले दिन 12 अगस्त को स्नान दान की पूर्णिमा रहेगी।
ज्योतिष के अनुसार इस बार सावन में दो बड़े ग्रह वक्री स्थिति में रहने वाले हैं। शनि ग्रह वक्री स्थिति में मकर राशि में रहेंगे। वहीं गुरु ग्रह 29 जुलाई से अपनी ही राशि मीन में वक्री होंगे। सावन के महीने में इन दोनों ग्रहों का अपनी-अपनी राशि में वक्री होना बहुत ही खास योग बना रहा है।
ऐसा बहुत ही कम बार देखने को मिलता है जब दो बड़े ग्रह अपनी ही राशि में वक्री स्थिति में होते हैं। इस बार सावन में कई शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार सावन में 15, 19, 21, 23, 25, 28 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे।
इसके अलावा 20 जुलाई , 1, 4, 6, 7, 10, 11 अगस्त को रवि योग बनेगा। वहीं 24 जुलाई को द्वि पुष्कर योग रहेगा। वहीं 25 जुलाई को अमृत सिद्धि योग होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये सभी योग बहुत ही शुभ फल देने वाले माने गए हैं।
धर्म ग्रंथों के मुताबिक सावन में आने वाले सभी सोमवार बहुत ही खास होने वाले हैं। इस बार सावन में 4 सोमवार आ रहे हैं। 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार आने वाला है। इस दिन शोभन और रवि योग बन रहे हैं। वहीं दूसरा सोमवार 25 जुलाई को होगा।
इस दिन प्रदोष व्रत और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। तीसरा सोमवार 1 अगस्त को रहेगा। इस दिन प्रजापति और रवि योग बन रहे हैं। 8 अगस्त को सावन का चौथा सोमवार है। इस दिन पद्म और रवि योग बनेंगे।