नई दिल्ली। साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है. अमावस्या के दिन चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है. वहीं जब, चंद्रमा की छाया पूरी तरह से सूर्य को ढक लेती है, तब ये पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है. लेकिन जब चंद्रमा की छाया सूर्य की छाया को पूरी तरह से ढक नहीं पाती तो सूर्य एक चांदी के चमकते वलय के आकार में दिखाई देता है. इसलिए इसे वलयाकार ग्रहण भी कहते हैं. सूर्य ग्रहण के दिन रिंग ऑफ फायर नजर आएगा. हालांकि भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण ही है. इसलिए सूतक काल मान्य नहीं है. आइए आपको बताते हैं कि शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय क्या काम करने से बचना चाहिए.

सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी सुनसान जगह से बिल्कुल भी न गुजरें क्योंकि इस समय नकारात्मक शक्तियां अत्यंत प्रभावी हो जाती हैं. सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ होने के बाद आपको भूलकर भी कुछ नहीं खाना चाहिए

सूर्य ग्रहण को खाली आंखों से बिल्कुल भी न देखें क्योंकि ऐसा करने पर आपकी आंखें खराब हो सकती हैं.

सूर्य ग्रहण के समय भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करें. मान्यता है कि ऐसा करने से मूर्तियां दूषित हो जाती हैं.

सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को खाना पकाने का कोई भी काम नहीं करना चाहिए और न हीं किसी भी प्रकार से सूईं धागे का प्रयोग करना चाहिए.

सूर्य ग्रहण का सूतक लगने पर किसी भी शुभ काम को प्रारंभ न करें. आपको इसके शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होंगे.