नई दिल्ली. भारत में अनेक ऐसे महान संत-महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपने-अपने समय में देश में ज्ञान का प्रकाश फैलाया है. उनके लिखे ग्रंथ आज भी करोड़ों देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं. उन्हीं में से एक आचार्य चाणक्य रहे हैं. सैकड़ों वर्ष पहले उनकी कही बातें आज भी देश के करोड़ों लोगों के जीवन में मार्गदर्शन का काम करती हैं. जो लोग अक्सर आर्थिक तंगी से जूझते रहते हैं, उनके लिए चाणक्य नीति में उपाय बताया गया है. अपने इस ग्रंथ में चाणक्य कहते हैं कि जिन घरों में 3 काम नियतपूर्वक होते हैं, वहां पर मां लक्ष्मी खुशी खुशी रहने के लिए चली आती हैं. आइए जानते हैं कि वे 3 काम कौन से हैं.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में पति और पत्नी एक-दूसरे का सम्मान करते हों. दोनों में प्रेम के साथ अनुशासन भी हो. एक दूसरे पर भरोसा करते हों और सुख-दुख में साथ खड़े रहते हैं. छोटे-मोटे मतभेदों को तूल नहीं देते हों. ऐसे घरों में मां लक्ष्मी स्वयं ही खुशी-खुशी रहने चली आती हैं. ऐसे घर स्वर्ग से कम नहीं होते और वहां पर सदा खुशहाली बरसती रहती है.

चाणक्य नीति के अनुसार, अनाज भगवान का दिया एक प्रसाद है. जिसे हमें श्रद्धा और सम्मान से ग्रहण करना चाहिए. हमें भूलकर भी कभी अन्न देवता यानी अनाज का अपमान नहीं करना चाहिए. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में अन्न के दाने-दाने का महत्व समझा जाता है और वहां अनाज को ढंग से संग्रहित करके रखा जाता है, वहां पर देवी लक्ष्मी का स्थाई वास रहता है.

एक और काम की बात बताते हैं. वे चाणक्य नीति में कहते हैं कि जिन घरों में मूर्खों और अज्ञानियों की बात को नजरअंदाज कर दिया जाता है. साथ ही समझदार लोगों की बात सुनी और मानी जाती है, वहां पर हमेशा हंसी-खुशी सदा के लिए अपना बसेरा बना लेती है. ऐसे घरों में कलह अपने पैर नहीं जमा पाती और परिवार के लोग तरक्की की राह में आगे बढ़ते चले जाते हैं. मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) भी ऐसे घरों पर अपनी खूब कृपा बरसाती हैं.