नई दिल्ली. जीवन में सुख-समृद्धि और बरकत के लिए रत्न धारण करना शुभ माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का नवग्रहों सें संबंध बताया गया है. रत्नों में नीलम रत्न को अहम माना गया है. नीलम धारण करने से व्यक्ति का जीवन सुख, वैभव और धन-संपदा से भर जाता है.
पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि रत्न धारण करने से ना सिर्फ सुख-समृद्धि आती है, बल्कि सभी तरह के वास्तुदोष भी दूर होते हैं. लेकिन, रत्न धारण ज्योतिष नियमों के अनुसार ही धारण करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि नीलम को राशियों के हिसाब से ही धारण करना फलदायी होता है. कुछ विशेष राशि के जातकों को नीलम नहीं पहनना चाहिए. इससे परेशानियां बढ़ सकती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंभ और मकर राशि के जातकों को नीलम धारण करना शुभ होता है. वृषभ और तुला राशि के जातक भी नीलम धारण कर सकते हैं. इन राशि के जातकों के लिए नीलम शुभ फलदायी होता है. नीलम धारण करने से जीवन खुशियों से भर जाता है.
घर में सुख-समृद्धि के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं और व्यवसाय में बरकत होती है. नीलत धारण करने के बाद इसका फायदा दिखने लगता है. इससे धन लाभ होने के साथ ही नौकरी में तरक्की और व्यापार में वृद्धि होती है.
ज्योतिषियों के अनुसार, मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को नीलम धारण नहीं करना चाहिए. इसी तरह धनु, मीन राशि के लोगों को नीलम धारण करने से बचना चाहिए. कर्क, सिंह, मिथुन, कन्या राशि के जातकों के लिए भी नीलम शुभ नहीं रहता है. इससे नीलम का प्रभाव उल्टा होता है और परेशानियां बढ़ जाती है और व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब रहने लगता है. व्यवसाय में घाटा हो सकता है और घर क्लेश शुरू हो सकता है.