नई दिल्ली। भारत में दिवाली और धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी की खरीददारी को बेहद शुभ माना जाता है. हर बार की तरह इस बार भी यानी आज धनतेरस पर लाखों लोग इस कंफ्यूजन में हैं कि वो सौभाग्य को बढ़ाने के लिए कौन सी धातु को खरीदें या किसमें निवेश करें. यानी सवाल एकदम सीधा और साफ है कि सोना खरीदा जाये या फिर चांदी? अगर आप भी इसी दुविधा में हैं तो आइए बताते हैं कि इस दिवाली पर आपको क्या खरीदना चाहिए?
धनतेरस के दिन करोड़ों लोग अपनी पॉकेट यानी बजट को ध्यान रखते हुए सोने या चांदी के सिक्के खरीदते हैं. मौजूदा हालात में देखें तो कोरोना महामारी के बाद शुरू हुए रूस-यूक्रेन के युद्ध की वजह दुनियाभर में महंगाई तेजी से बढ़ी है. ऐसे में भारत की अर्थव्यस्था पर भी भरपूर दबाव है. जबकि दूसरी ओर शेयर मार्केट लगातार एक दायरे में कारोबार कर रहा है.
संकट और परिस्थितियां कैसी भी हों मुश्किल दौर यानी संकट के समय आज भी सोना और चांदी में निवेश सबसे बेहतर, सुरक्षित और आजमाया हुआ विकल्प माना है. हालांकि पिछले एक साल में गोल्ड और सिल्वर दोनों का प्रदर्शन देखें तो सोने में मामूली तेजी दर्ज हुई. वहीं चांदी की उल्टी चाल रही है.
दुनिया में डॉलर की लगातार मजबूती और महंगाई बढ़ने से जहां ब्याज दरों में इजाफा हुआ है. वहीं पिछले साल की धनतेरस के मुकाबले इस बार धनतेरस पर सोने में 6% की तेजी तो चांदी की कीमतों में करीब 17% की गिरावट दर्ज हुई है. यानी मेटल सेगमेंट में चांदी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. इस साल की बात करें तो अभी तक चांदी की कीमतों में 13% की गिरावट देखने को मिली है.
मेटल सेगमेंट और बाजार के जानकारों के मुताबिक आज धनतेरस पर यानी इस त्योहारी सीजन में लोग चांदी को पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं. कीमतों के अनुमान की बात करें तो सिल्वर में अगले साल तेजी आने का अनुमान है. Gold-Silver Ratio GSR के मुताबिक अगले साल चांदी से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद है. दरअसल चांदी एक औद्योगिक धातु है और इसका इस्तेमाल ग्रीन टेक्नोलॉजी में भी होता है, इस नजरिये से निवेश के लिए चांदी बेहतर विकल्प है.