नई दिल्ली। इस साल धनतेरस की तरह ही भाई दूज की तारीख को लेकर भी असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है. कई स्थानों पर आज ही भाई दूज या यम द्वितीया मनाया जा रहा है, लेकिन भाई दूज का त्योहार कल यानि 27 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाना ही उत्तम और शास्त्र सम्मत है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं कि पंचांग के आधार पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाते हैं. यम द्वितीया तिथि को अपनी बहन यमुना के घर जाते हैं. ऐसे में आज दोपहर बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ हो रही है, इसलिए कल उदयातिथि के आधार पर भाई दूज मनाना श्रेष्ठ है.
काशी विश्वनाथ ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि आज दोपहर 03 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ होगी और कल दोपहर 02 बजकर 12 मिनट तक द्वितीया तिथि मान्य है. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर भाई दूज का त्योहार 27 अक्टूबर को मनाना सही है.
27 अक्टूबर को भाई दूज के अवसर पर भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 18 मिनट से दोपहर 02 बजकर 12 मिनट तक है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है, जो दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 30 मिनट तक है. इस दिन अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है.
भाई दूज 2022 दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: सुबह 06:29 बजे से सुबह 07:53 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम: सुबह 07:53 बजे से सुबह 09:17 बजे तक
शुभ-उत्तम: सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक
चर-सामान्य: दोपहर 02:53 बजे से शाम 04:17 बजे तक
लाभ-उन्नति: शाम 04:17 बजे से शाम 05:41 बजे तक
रक्षाबंधन की तरह ही भाई दूज का त्योहार भी भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं. उनके घर भोजन करते हैं और बदले में उपहार देते हैं. बहनें अपने भाई की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं.