नई दिल्ली। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 8 नवंबर मंगलवार को चंद्र ग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण के मध्य का आरंभ भागलपुर में शाम 4: 54 से होगा। जबकि मोक्ष 6:19 पर होगा। बूढ़ानाथ मंदिर के पंडित ज्योतिषाचार्य ऋषिकेश पांडे ने बताया कि भारत में ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण के रूप में इसे देखा जाएगा। इस ग्रहण की विशेषता यह है कि उदित होने से पूर्व ही ग्रहण लग जाएगा। किंतु इस ग्रहण का मोक्ष उदय होने के बाद होगा। अर्थात ग्रहण काल में ही चंद्रोदय होगा। ग्रहण दिन के 2:39 पर स्पर्श करेगा। मध्य काल 4:29 से आरंभ होगा, जबकि मोक्ष 6:19 बजे। भागलपुर में मध्य काल 4:54 से आरंभ होगा। उदीयमान चंद्रमा ग्रहण से पीड़ित दिखेंगे। कटा हुआ चांद दिखाई देगा जो धीरे-धीरे पूर्ण गोलाई के रूप में परिवर्तित हो जाएगा।

चंद्रोदय से पूर्व ही ग्रहण लग रहा है इस कारण भारत में यह दिखाई नहीं देगा। चंद्रोदय के बाद ग्रहण का मोक्ष देखा जा सकेगा। ग्रहण लगने के 9 घंटा पूर्व से सभी धार्मिक कार्य बंद रहेगा। देवालय के पट बंद रहेंगे। ग्रहण के मोक्ष के बाद मंदिरों को धोया जाएगा और फिर उसी समय देव दीपावली मनाई जाएगी। ग्रहण की वजह से कई जगह सोमवार को ही कई जगहों पर देव दीपावली मनाई जाएगी।

दिन में 2:39 पर स्पर्श
शाम में 4: 29 से मध्य
भागलपुर में 4:54 से मध्य
शाम में 6:19 पर मोक्ष
चंद्रोदय शाम 5:10 पर होगा
चंद्र ग्रहण का सूतक नौ घंटा पहले से लगेगा
ग्रहण के बाद शाम सात बजे से मंदिरों में पूजा पाठ आरंभ हो जाएगा

चंद्र ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा आदि नहीं करें। चंद्र ग्रहण के दौरान न ही भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए। चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए। ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए। ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए चंद्रमा से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए।