बिजनौर। जिला एवं सत्र न्यायधीश एमपी सिंह ने गौरव को आत्महत्या के लिए विवश करने के मामले में मृतक की पत्नी शिवानी, सास हंसा व ससुर तेजपाल की जमानत याचिका निरस्त कर दी है।
अधिवक्ता मनोज चंदोक के अनुसार थाना नहटौर के गांव शेखपुरा लाला निवासी यादराम सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसे एक दिसंबर 2022 को फोन पर सूचना मिली कि उसके लड़के गौरव की बुलट मोटरसाइकिल भागूवाले के पास लावारिस हालत में खड़ी है। इस सूचना पर वह तुरंत अपने परिवार वालों के साथ मौके पर पहुंचा। तो बाइक वन विभाग की चौकी पर खड़ी मिली। उसने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी और दो दिसंबर को अपने लड़के गौरव की गुमशुदगी थाना मंडावली में दर्ज कराई। उसके लड़के का कुछ पता नहीं लगा। उसके लड़के गौरव का अपनी पत्नी और ससुराल वालों से तीन-चार महीने से विवाद चल रहा है। उसकी पत्नी भी मायके में रह रही है। उसने यह भी आरोप लगाया कि गौरव की पत्नी शिवानी, सास हंसा, ससुर तेजपाल, भाई पुष्पेंद्र व मोसेरा भाई प्रियांशु उसके लड़के को मारने की धमकी देते चले आ रहे हैं। उनका कहना था कि अगर शिवानी के बारे में कुछ कहा तो जान से मार देंगे। उन्होंने गौरव की अपहरण के बाद हत्या की आशंका जताई थी। करीब एक माह बाद गौरव की लाश पुलिस को पेड़ पर लटकी मिली थी। पुलिस विवेचना में पुलिस का कहना था कि पत्नी और ससुराल वालो की प्रताड़ना से परेशान होकर उसने आत्महत्या की है। इस मामले में न्यायधीश ने अपने आदेश में कहा है कि अपराध गंभीर प्रकृति का है। इसलिए मृतका की पत्नी शिवानी, सास हंसा व ससुर तेजपाल की जमानत याचिका निरस्त की जाती है।