कालागढ़ (बिजनौर)। कार्बेट टाइगर रिजर्व के वनों में अब तक 18 स्थानों से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। निदेशक डाॅ. धीरज पांडेय का कहना है कि शासन के आदेश पर अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, कालागढ़ क्षेत्र में जनता धार्मिक संरचनाओं को हटाने का विरोध कर रही है।
उत्तराखंड में सरकारी भूमि से अतिक्रमण के तहत धार्मिक संरचनाओं को हटाने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत कार्बेट टाइगर रिजर्व के वनों मेंं से 18 धार्मिक संरचनाओं को हटाया जा चुका है। श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी बाबा कालू सैय्यद/शहीद की दरगाह को वन विभाग हटा चुका है। इसके अलावा धारा में एक समाधि, ढेला, झिरना एवं बिजरानी में धार्मिक संरचनाओं को हटाया जा चुका है। बड़ी संख्या में धार्मिक संरचनाओं पर नोटिस चस्पा किए जा चुके हैं।
जनता से उनके प्रमाण मांगे जा रहे हैं, जिसको लेकर लोगों में रोष फैला हुआ है। इन संरचनाओं को यथावात बनाए रखने के लिए स्थानीय जनता के जनप्रतिनिधि कांग्रेस नगर अध्यक्ष आकाशदीप शर्मा, आम आदमी पार्टी के नगर अध्यक्ष परसुराम, भाजपा नेता व समाजसेवी योगेश कुमार सैनी व शंकर सिंघल एवं व्यापारी नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, क्षेत्रीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषंण, वन मंत्री सुबोध उनियाल से गुहार लगा चुके हैं। जनता का कहना है कि कालागढ़ कार्बेट पार्क में आता ही नही है। इसके लिए सीमांकन का कार्य चल रहा है। जब तक सीमांकन की घोषणा न हो जाए तब तक यहां किसी भी संरचना को हटाया न जाए।