अयोध्या: सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है. धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में जो भी शिव भक्त विधि विधान पूर्वक भगवान शिव की पूजा आराधना तथा रुद्राभिषेक करता है तो भगवान भोलेनाथ उस पर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं. उसके सभी मनोरथ कार्य पूर्ण होते हैं. वैसे तो सावन के महीने में शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ रहती है. ऐसे में लोग सावन के महीने में ग्रह दोष से मुक्ति पाने के लिए शुभ फल की प्राप्ति के लिए रुद्राभिषेक करते हैं. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे आखिर कैसे ग्रह दोष की मुक्ति के लिए रुद्राभिषेक करें तो चलिए जानते हैं.

अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए बहुत सारे उपाय हैं जिसमें रुद्राभिषेक मुख्य है. जब कोई भी कार्य जप और तप से नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में रुद्राभिषेक करने से समस्त कार्य पूर्ण होते हैं.

रोग नाश के लिए पवित्र नदी का जल और उसमें खास का इत्र डालकर रुद्राभिषेक करना चाहिए.
रोगों का शमन करने के लिए शक्कर से रुद्राभिषेक किया जाता है.
शनि ग्रह की शांति के लिए तिल अर्पित करके रुद्राभिषेक किया जाता है.
समस्त कामनाओं की सिद्धि के लिए किसी फल के रस से अभिषेक किया जाता है.
ग्रह दोष की मुक्ति के लिए पवित्र नदियों के जल के साथ नौ ग्रह मंत्रों का जप करते हुए रुद्राभिषेक करना चाहिए.

अगर आप सावन माह में भगवान शंकर को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो सावन माह में जरूर एक बार रुद्राभिषेक करें क्योंकि की रुद्राभिषेक भगवान शिव का एक ऐसा अनुपम साधन है. जिससे हम भगवान शिव को सरलता पूर्वक प्रसन्न कर सकते हैं. रुद्राभिषेक करने से ही तमाम तरह के दुख विपदा समाप्त होती हैं.