लखनऊ| लखनऊ के वृंदावन सेक्टर-19 में कार के भीतर ओडिशा निवासी सुष्मिता राउत (27) की लाश मिलने के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। गला दबाकर युवती को मौत के घाट उतारा गया था। वारदात से पहले रात में हुई पार्टी में जो उसके चार दोस्त शामिल थे उनका झूठ अब बेनकाब हो गया है।
उधर, पुलिस मुख्य संदिग्ध विष्णु द्विवेदी उर्फ पुनीत को धनबाद से लेकर शनिवार शाम शहर पहुंची। हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी कर ली। पीजीआई थाने में देर रात तक उससे पूछताछ जारी रही। उसके दोस्तों से पूछताछ जारी है। उन पर भी कार्रवाई तय है। पुलिस रविवार को वारदात का खुलासा कर सकती है।
बृहस्पतिवार को युवती का शव मिलने के बाद पुलिस ने तहकीकात शुरू की थी। पता चला था कि घटनास्थल पर कानपुर के बर्रा इलाके का रहने वाला विष्णु द्विवेदी भी था। बुधवार की रात पीजीआई इलाके में स्थित अपने किराए के फ्लैट में उसने अपनी जन्मदिन की पार्टी दी थी। इसमें विष्णु के चार और दोस्त भी शामिल हुए थे।
पुलिस ने इन चारों को हिरासत में ले लिया था। पार्टी में सुष्मिता भी थी। इधर धनबाद पुलिस ने लखनऊ पुलिस के इनपुट पर विष्णु को दबोच लिया था। शाम को उसे लेकर टीम शहर पहुंची। उधर, सुष्मिता के पिता सूर्यमुनि के पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम कराया। इसमें गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई। सीने पर चोट का निशान भी मिला। गुलालाघाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस की जांच में सामने आया कि विष्णु के पास से बरामद जेवर सुष्मिता के ही थे। उसके पिता ने पहचान की है।
विष्णु व उसके चारों दोस्त एक ही बात पर अड़े हैं। लगातार यही कह रहे थे कि फ्लैट पर पार्टी चल रही थी। इसी दौरान नशेबाजी हुई। सुष्मिता से विवाद हुआ। इसके बाद वह कमरे में जाकर फंदे पर लटक गई। फंसने के डर से शव कार में छोड़कर भाग निकले। लेकिन, पीएम रिपोर्ट ने इनके तर्क को दरकिनार कर दिया है। इसलिए पुलिस अब वारदात की असल कहानी जानने के लिए सख्ती से पूछताछ कर रही है।
वारदात में सिर्फ एक तथ्य स्पष्ट हो पाया है कि सुष्मिता की हत्या की गई थी। इसके अलावा कई पहलू अनसुलझे हैं। जैसे दिल्ली के रविंदर की कार विष्णु के पास कैसे आई? अगर बचने के लिए शव ठिकाने लगाने आया था तो कार में ही छोड़कर क्यों चले गए? विष्णु और सुष्मिता कब से और कैसे संपर्क में आए? हत्या का मकसद क्या है?
पूछताछ में सभी पुलिस को गुमराह करते रहे। जुबान से सच उगलवाने में पुलिस के पसीने छूट गए। अब तक हत्या की वजह और पूरी कहानी सामने नहीं आ सकी है। पर, पुलिस को आशंका है कि ये सभी पार्टी कर रहे थे। नशे में धुत थे। इसी दौरान जब विवाद हुआ तो युवती को मार दिया।
सुष्मिता के परिवार में उसके पिता सूर्यमुनि के अलावा मां और एक छोटा भाई है। सूर्यमुनि ने बताया कि सुष्मिता बीए पास थी। करीब दस दिन पहले यह बताकर घर से निकली थी कि नौकरी मिली गई है। अपने दोस्त के साथ जा रही है। आठ अगस्त को उसने मां से फोन पर बात की थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। मृतका के पिता ने पांच हजार रुपये कर्ज पर लिए, तब लखनऊ आए। यहीं पर अंतिम संस्कार कर दिया।
ओडिशा की रहने वाली सुष्मिता की हत्या के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि उसका पहले गला किसी चीज से कसा गया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई। शनिवार को पिता की मौजूदगी में डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम किया। सुष्मिता के मुंह से झाग भी निकला था। ऐसे में डॉक्टरों ने उसके विसरा को जांच के लिए सुरक्षित रखा है और स्लाइड बनाकर परीक्षण के लिए भेजा है।