बिजनौर। जिला प्रशासन ने कलक्ट्रेट में होने वाले हर आंदोलनों पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और किसान प्रदर्शन करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे और वहां उन्होंने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान, बाढ़ से बर्बाद फसल का मुआवजा, गन्ने का उचित भाव, बिजली, गुलदार से निजात आदि मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर धरना दिया। कलक्ट्रेट में जिस पेड़ पर धरने पर प्रतिबंध का बोर्ड लगाया गया था, आंदोलित किसान उसी जगह अपने साथ एक ट्रैक्टर-ट्राली ले गए, जिसका न सिर्फ मंच बनाया, बल्कि उसपर माइक, स्पीकर भी लगाएं।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले अनेक किसान ट्रैक्टरों ट्रालियों के साथ नुमाइश ग्राउंड पहुंचे, वहां से किसानों की भीड़ संगठन के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार बिट्टू के नेतृत्व में जुलूस की शक्ल में प्रदर्शन करते हुए कलक्ट्रेट की ओर बढ़ गए। नुमाइश ग्राउंड पर पुलिस ने सड़क पर बेरिकेडिंग लगा रखी थी, जिसे जिलाध्यक्ष विनोद कुमार ने हटकर आगे बढ़ गए। पुलिस ने किसी को नहीं रोका, सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी संख्या में साथ रही। आंदोलित किसान नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। वहां किसानों नारेबाजी कर प्रदर्शन किया और धरना देकर बैठक गए।
धरना स्थल पर किसानों को संबोधित करते जिलाध्यक्ष विनोद कुमार बिट्टू ने कहा कि किसान अपनी समस्याओं के समाधान को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करने नहीं जा सकते, तो प्रजातंत्र का क्या फायदा है। वरिष्ठ पदाधिकारी कैलाश लांबा ने कहा बिलाई चीनी मिल किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं कर रही है। बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। प्रशासन इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। धरने पर एसडीएम, डीसीओ, वन अधिकारी, बिजली अधिकारी पहुंचे और किसान नेताओं से वार्ता की। काफी देर चली वार्ता में सहमति दी और किसानों ने धरना समाप्त कर दिया।
करीब एक सप्ताह पहले ही कलक्ट्रेट में धरने-प्रदर्शन पर रोक लगाई गई थी। कलक्ट्रेट गेट पर बेरीकेड लगाने के साथ-साथ वहां प्रतिबंध का बोर्ड भी लगाया गया। धरना स्थल इंदिरा बाल भवन को बनाया गया। बृहस्पतिवार को किसानों ने कलक्ट्रेट में ही धरना दिया। इसे लेकर प्रशासनिक अफसर और पुलिस दोनों ही कोई प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए।
ये रही मुख्य मांग
– बिलाई चीनी मिल से बकाया गन्ना मूल्य भुगतान दिलाने
– जो किसान बिलाई का क्रय केंद्र नहीं लेना चाहते उनके क्रय केंद्र बदले जाएं
-बाढ़ से पीड़ित किसानों को मुआवजा दिलाया जाए।
-जनपद को गुलदार को निजात मिलेगा
-बिजली विभाग की समस्याएं समाधान कराया जाए।