नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिला कैदियों के गर्भवती होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले की जांच करेगा। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, जो जेलों की स्थितियों पर स्वत: संज्ञान मामले में न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) हैं, से जेलों में गर्भधारण के मुद्दे की जांच करने और अदालत को रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
एमिकस क्यूरी ने गुरुवार को इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ के सामने दो नोट रखे थे। एमिकस क्यूरी ने पहले नोट के तीसरे पैरो को पढ़ते हुए कहा था, “मीलॉर्ड, यह जानकर हैरानी होगी कि हिरासत में रहने के दौरान महिला कैदी गर्भवती हो रही हैं। इसके बाद जेलों में बच्चे भी पैदा हो रहे हैं। वर्तमान में 196 बच्चे पश्चिम बंगाल की विभिन्न जेलों में रह रहे हैं।”