बिजनौर। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही शहरवासियों को जाम से निजात मिलेगी। जी, हां बिजनौर में नगीना फाटक पर उपरिगामी सेतु बनने का रास्ता साफ हो गया है। इस फाटक पर 569 मीटर लंबा उपरिगामी सेतु बनाया जाना प्रस्तावित हुआ है। अभी रेलवे फाटक बंद होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जिले में छह रेलवे फाटकों पर उपरिगामी सेतु बनाया जाना प्रस्तावित है। इसे लेकर रेलवे बोर्ड के तहत गति शक्ति विभाग ने पुल बनाने के लिए सर्वे कर लिया है। बिजनौर में एक, नगीना में एक, धामपुर में एक, स्योहारा में एक, चांदपुर में दो उपरिगामी सेतु बनाए जाएंगे। उपरिगामी सेतु बनाने के लिए विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होने से अभी उपरिगामी सेतु का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। नगीना में रेलवे फाटक पर सबसे लंबा 940 मीटर उपरिगामी सेतु बनाया जाएगा। उपरिगामी सेतु बनने के बाद लोगों को काफी फायदा मिलेगा।
जिन रेलवे फाटकों पर उपरिगामी सेतु बनाया जाना है, सर्वे के बाद उनकी लंबाई निर्धारित कर ली गई है। बिजनौर में फाटक पर उपरिगामी सेतु की लंबाई 569 मीटर, नगीना में रेलवे फाटक पर उपरिगामी सेतु की लंबाई 940 मीटर रहेगी। धामपुर में उपरिगामी सेतु की लंबाई 554 मीटर, स्योहारा में उपरिगामी सेतु की लंबाई 529 मीटर है। चांदपुर में गजरौला की तरफ वाले फाटक पर उपरिगामी सेतु की लंबाई 712 मीटर और बिजनौर की तरफ वाले फाटक पर 595 मीटर उपरिगामी सेतु बनाया जाएगा।
नगीना में रेल लाइन का मुख्य ट्रैक है, जिस पर अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इस वजह से नगीना में फाटक 24 घंटे में 100 से अधिक बार बंद होता है। इस दौरान लंबा जाम लगने से लोगों को काफी परेशानी होती है। जबकि बिजनौर में फाटक 12 बंद होता है। उपरिगामी सेतु बनने से राहगीरों को फायदा होगा।