नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। भाजपा, 240 सीटों के साथ संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वह अपने दम पर स्पष्ट बहुमत के करीब नहीं पहुंच सकी। हालांकि भाजपा के नेतृत्व वाले ‘एनडीए’ को स्पष्ट बहुमत ‘292 सीट’ मिला है। बुधवार को दिल्ली में एनडीए और इंडिया गठबंधन, दोनों की बैठक हो रही है। कांग्रेस पार्टी को 99 सीटें हासिल हुई हैं। इंडिया गठबंधन की बात करें, तो उसके पास 234 सीट हैं। अन्य के खाते में 17 सीटें आई हैं।
ऐसी स्थिति में मोदी 3.0 मंत्रिमंडल का चेहरा पूरी तरह बदल जाएगा। मोदी मंत्रिमंडल में भाजपा के बड़े मंत्रियों की छुट्टी तय है। विशेषकर गृह, वित्त, सड़क व रेल मंत्रालयों पर रार मच सकती है। मौजूदा समय में इन मंत्रालयों पर भाजपा सांसद ही काबिज रहे हैं, लेकिन मोदी 3.0 मंत्रिमंडल में ये विभाग, सहयोगी दलों के पास जा सकते हैं। टीडीपी और जेडीयू के सांसदों को इन मंत्रालयों में बतौर कैबिनेट या राज्य मंत्री, साझेदारी मिल सकती है।
जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय अमित शाह के पास ही रहने की उम्मीद है, लेकिन इसमें राज्य मंत्री के पद सहयोगी दलों को दिए जा सकते हैं। मोदी 2.0 मंत्रिमंडल की बात करें, तो केंद्रीय गृह मंत्रालय में अमित शाह के अलावा तीन राज्य मंत्री भी रहे हैं। इनमें नित्यानंद राय, अजय मिश्रा और निशीथ प्रमाणिक शामिल थे। अब अजय मिश्रा ‘टेनी’ और निशीथ प्रमाणिक, चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में अमित शाह को अपने नए सहयोगी तलाशने पड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक, कई केंद्रीय एजेंसियां, गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती हैं, ऐसे में जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय गृह मंत्रालय में साझेदारी मांग सकते हैं।
हालांकि खबर यह भी मिल रही है कि टीडीपी और जेडीयू, दोनों दल लोकसभा अध्यक्ष पद देने की मांग भी कर सकते हैं। इसके अलावा सड़क परिवहन मंत्रालय और रेल मंत्रालय पर भी रार मच सकती है। टीडीपी, सड़क परिवहन मंत्रालय और जेडीयू रेल मंत्रालय पर अड़ सकते हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालय में भी दोनों दल, साझेदारी की बात रख सकते हैं। जेडीयू और टीडीपी के कोटे के तहत तीन से चार केंद्रीय मंत्रियों की मांग आ रही है।
बिहार में चिराग पासवास, जीतनराम मांझी और महाराष्ट्र में शिव सेना को भी मंत्रियों की दरकार है। संभव है कि शिव सेना को दो केंद्रीय मंत्री मिल सकते हैं। इसके अलावा चिराग पासवान भी कम से कम दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं। इसमें एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का पद शामिल है। इनके अतिरिक्त कई दूसरे छोटे दल, जो मोदी सरकार को समर्थन दे रहे हैं, वे भी मंत्री पद की राह देख रहे हैं।
मोदी सरकार में सड़क परिवहन मंत्री रहे नितिन गडकरी की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की कुर्सी डगमगाने की आशंका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का मंत्रालय बदला जा सकता है। अगर ये मंत्रालय भाजपा के पास ही रहता है, तो इसमें कम से कम दो राज्य मंत्री, सहयोगी दलों के पास जा सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और कृषि मंत्रालय में भी एनडीए के सहयोगी दलों को साझेदारी मिलने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री का एक पद सहयोगी दलों को जा सकता है। लोकसभा चुनाव में जदयू की 12 और टीडीपी को 16 सीटों पर विजय मिली है। आयकर व ईडी, वित्त मंत्रालय के तहत आती है, जबकि सीबीआई और आईबी जैसी एजेंसियां, गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती हैं। ऐसे में सहयोगी दलों का प्रयास है कि उन्हें इन दोनों मंत्रालयों में साझेदारी मिले। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस बार कोई दूसरा विभाग सौंपा जा सकता है।