नई दिल्‍ली. महिलाओं को आठ-आठ लाख रुपये का फायदा होने जा रहा है. सरकार की ड्रोन दीदी योजना के तहत कई राज्‍यों की करीब 3000 महिला सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप (एसएचजी) को इस वर्ष ड्रोन दिया जाएगा. इसके लिए एसएचजी को अपने सभी जरूरी कागजात पूरे करने होंगे. योजना के तहत देशभर की कुल 14500 एसएचजी को ड्रोन दिए जाएंगे.

कृषि मंत्रालय के अनुसार योजना का ड्राफ्ट तैयार हो गया है. साल के बचे हुए तीन माह में 3000 ड्रोन बांटे जाएंगे. इस माह अंत तक इससे संबंधित निर्देश राज्‍यों को दिए जाएंगे, जिसके बाद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. चयन की शर्तों के अनुसार सबसे ज्‍यादा ड्रोन उत्‍तर प्रदेश के एसएचजी दिए जाएंगे. दूसरे नंबर पर महाराष्‍ट्र होगा और तीसरे नंबर पर कर्नाटक रहेगा.

राज्‍यों को ड्रोन देने के लिए चयन के तीन आधार तय किए गए हैं. सबसे ज्‍यादा कृषि योग्‍य जमीन, सक्रिय एसएचजी और नैनो फर्टिलाइजर का अधिक इस्‍तेमाल. जिसके तहत उत्‍तर प्रदेश को सबसे ज्‍यादा ड्रोन दिए जाएंगे.

कृषि मंत्रालय के अनुसार एक ड्रोन पैकेज की संभावित कीमत 10 लाख रुपये के करीब होगी. इस तरह 10 लाख के ड्रोन में एसएचजी को आठ लाख की सब्सिडी( 80 फीसदी) मिलेगी और दो लाख( 20 फीसदी) रुपये का लोन किया जाएगा. मौजूदा समय देशभर में करीब 10 करोड़ महिलाएं एसएचजी का हिस्‍सा हैं.

ड्रोन के साथ चार अतिरिक्‍त बैट्री, चार्जिंग हब, चार्ज करने के लिए जेनसेट और ड्रोन बाक्‍स होगा. वहीं, ड्रोन उड़ाने वाली महिला को ड्रोन पायलट को डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव के लिए एक और महिला को को-पायलट की ट्रेनिंग दी जाएगी. यह 15 दिन की ट्रेनिंग इसी पैकेज में शामिल होगी. इसमें महिलाओं को ड्रोन का इस्तेमाल करके अलग-अलग कृषि कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इस योजना के तहत दिए जाने वाले ड्रोन का इस्‍तेमाल नैनो फर्टिलाइजर और कीटनाशक के छिड़काव में इस्‍तेमाल किया जाएगा.

एसएचजी का चयन राज्‍य कमेटी करेगी. इस कमेटी में आईएआरआई के वैज्ञानिक शामिल होंगे. इस योजना को लागू करने में देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की मदद ली जाएगी. इस योजना के तहत पहला काम तहत ड्रोन उड़ाने वाले क्‍लस्‍टरों की पहचान की जाएगी, जो अगले माह से शुरू हो जाएगा.