नई दिल्ली।  आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल जन्तर-मन्तर पर जनता की अदालत में पहुंचे थे। उन्होंने कहा मैं एक और जरूरी बात कहना चाहता हूं। आरएसएस वाले कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी हैं। हम देशभक्त हैं। आज पूरे सम्मान के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी से पांच प्रश्न पूछना चाहता हूं और आपका समर्थन चाहता हूं अगर मैं कोई गलत सवाल पूछूं तो बताना। इस तरह केजरीवाल ने भाषण के दौरान पांच सवाल पूछे। आइए जानते हैं कि उन्होंने इन सवालों के जरिए किन मुद्दों को रखा…

ईडी-सीबीआई की धमकी और पार्टी तोड़ने का सवाल
केजरीवाल ने कहा जिस तरह मोदी जी देश भर में लालच देकर या ईडी-सीबीआई के जरिए धमकी देकर डरा कर दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ रहे हैं। सरकारें गिरा रहे हैं, क्या यह देश के लिए सही है?

भ्रष्टाचार और बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं पर सवाल
इसके बाद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। जिन नेताओं को कुछ दिन पहले मोदी जी ने खुद भ्रष्टाचारी घोषित किया था। जिन नेताओं को अमित शाह जी ने खुद भ्रष्टाचारी बोला था, कुछ दिनों के बाद उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया। मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं क्या इस प्रकार की राजनीति से आप सहमत हो?

मोदी और भाजपा के कामों से जुड़ा सवाल
केजरीवाल बोले ऐसा कहा जाता है कि बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है। इसलिए यह देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि भाजपा भ्रष्ट न हो जाए। मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं क्या आज आप भाजपा के कदमों से सहमत हैं? आपने कभी मोदी जी से न करने के लिए बोला? मोहन यादव जी बताएं क्या आपने कभी मोदी जी को गलत हरकतें करने से रोका या नहीं?

बेटा मां को पलटकर आंखे दिखा रहा है
जेपी नड्डा जी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं है। इसके बाद केजरीवाल बोले आरएसएस तो बीजेपी की मां के समान है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि वह मां को आंखें दिखाने लग गया है? बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया, जिस बेटे को प्रधानमंत्री बनाया आज वह बेटा पलट कर मां को आंखें दिखा रहा है क्या यह सही है?

नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट पर पूछा सवाल
अंतिम सवाल रखते हुए केजरीवाल बोले मैं मोहन भागवत जी से कहना चाहता हूं कि आप ही लोगों ने मिलकर कानून बनाया था, 75 साल उम्र के होने के बाद कोई भी नेता रिटायर हो जाएगा। इस कानून के द्वारा आडवाणी जी को रिटायर कर दिया। मुरली मनोहर जी को रिटायर कर दिया। इसी कड़ी में खंडूरी जी, कल राज मिश् और शांता कुमार को भी रिटायर कर दिया है। क्या यह कानून मोदी जी पर लागू नहीं होना चाहिए?