वाराणसी : इस्राइल-ईरान युद्ध के बीच काशी के 74 मजदूर फंसे हैं। धमाकों के बीच बंकर में बृजेश और सुक्खू छिपे हुए हैं। उनके परिवार के लोगों ने बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान पता चला कि वे राजदूत के संपर्क में बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोई बाहर नहीं निकलेगा। कब मिसाइल कहां गिर जाएगी, किसी को पता नहीं है।

इस्राइल और ईरान के बीच हो रहे युद्ध के बीच लगभग काशी के 74 मजदूर फंसे हैं। नौकरी की तलाश में इस्राइल पहुंचे बृजेश और सुक्खू के परिवार वालों ने वहां के हालात के बारे में बताया। कहा कि धमाकों के बीच वे लोग बंकर में छुपे हैं। मंगलवार से ईरान की ओर से लगातार मिसाइलें दागी जा रही हैं। हम लोगों को बंकर भीतर रहने की हिदायत दी गई है। जान माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं उठाने को कहा गया है। साथ ही एलर्ट किया गया है जो जहां है वहीं बंकर में पड़े हैं।

चोलापुर गोहासी के बृजेश पटेल इस्राइल के एक होटल में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि वहां की स्थिति बहुत खराब है। इस्राइल सरकार की तरफ से रेड अलर्ट जारी किया गया है। कहा गया है कि आप लोग अपनी सुरक्षा स्वयं करें। हम लोगों के मोबाइल पर मैसेज भी भेजा गया है।

आराजीलाइन गहरपुर के सुक्खू के परिजनों ने बताया कि वह मशीन से पत्थर काटने का काम करते हैं। उन्होंने आज दोपहर में फोन कर बताया कि चार-पांच दिन में स्थिति और खराब हो जाएगी। लगातार मिसाइलें आ रही हैं। हम लोग अपनी जान बचाकर छूपे हुए हैं। राजदूत के संपर्क में बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोई बाहर नहीं निकलेगा। कब मिसाइल कहां गिर जाएगी, किसी को पता नहीं है।

बता दें कि इस्राइल जाने के लिए जनवरी और फरवरी में आवेदन आए थे। ये मजदूर अप्रैल में इस्राइल गए थे। जिन्हें लगभग 1.34 लाख रुपये हर महीने सैलरी मिल रही है। वहीं कुछ मजदूर ओवरटाइम कर 2.5 लाख रुपये महीने तक कमा रहे हैं। पिछले वर्ष इस्राइल ने यूपी से प्लास्टर, टाइल्स फिटिंग, फ्रेमवर्क और वेल्डिंग कामगारों के लिए भर्तियां शुरू की थीं।