नई दिल्ली : अमेरिका में नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जब डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली तो भारत कहीं से भी निराश नहीं दिख रहा था.
नवंबर के दूसरे हफ़्ते में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तो यहाँ तक कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के दोबारा राष्ट्रपति बनने से कई देश नर्वस हैं लेकिन भारत उन देशों में नहीं है.
जयशंकर ने ये भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डोनाल्ड ट्रंप से अच्छे संबंध हैं और यह भारत के लिए अच्छा है.
मुंबई में नवंबर के दूसरे हफ़्ते में आदित्य बिड़ला ग्रुप स्कॉलरशिप के सिल्लर जुबली प्रोग्राम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा था, ”ट्रंप के आने से कई देश नर्वस हैं लेकिन भारत उन देशों में नहीं हैं. ट्रंप के आने से चीज़ें शिफ़्ट करेंगी. शिफ़्ट तो हम भी कर रहे हैं. वो चाहे अर्थव्यवस्था के मामले में हो, इंडियन कॉर्पोरेट हों, उनकी पहुँच हो या फिर भारत के प्रोफ़ेशनल हों.”
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बहुत ही गर्मजोशी से ट्रंप की जीत पर बधाई दी थी. यहां तक कहा जा रहा था कि चीन के निर्यात पर अमेरिका टैरिफ लगाएगा तो इसका फ़ायदा भारत को होगा.
लेकिन जिस तरह से बुधवार को अमेरिका ने 104 भारतीयों को अपने मिलिटरी एयरक्राफ़्ट से वापस भेजा है, उसे लेकर सवाल उठने लगे हैं. इन 104 भारतीयों में कई लोगों ने मीडिया से बात करते कहा है कि उन्हें हाथ और पैर में बेड़ियां लगाकर भेजा गया है.