नई दिल्ली. हिंदू धर्म में शनि जयंती का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार शनि जयंती का पर्व 30 मई सोमवार को है। शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश कहा गया है। अर्थाथ शनि देव ही मनुष्य को अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं। शनि चालीसा शनि देव के वाहनों के बारे में भी बताती है। धर्म ग्रंथों में लिखा है कि, शनि देव 8 वाहनों पर सवार होकर आते हैं। हर वाहन या सवारी का विशेष महत्व है और इसके अनुसार फल तय होता है। जिस वाहन से शनि देव किसी भी राशि में भ्रमण करते हैं, उसके अनुसार उस राशि के जातकों को शुभ-अशुभ फल प्राप्त होते हैं।

कौवे पर सवार होकर शनिदेव व्यक्ति के सभी दुखों को दूर करते हैं और रोगों से मुक्ति दिलाते हैं।

जिस राशि के शनि देव सियार पर सवार होते हैं, उस राशि के जातकों की बुद्धि का नाश होता है और जिस राशि में शनिदेव सवार होते हैं, उसमें धन-सम्मान का भी नाश होता है।

शनि देव जब हाथी पर सवार होकर किसी की राशि में प्रवेश करते हैं तो उन्हें धन और मान सम्मान की प्राप्ति होती है।

मीन राशि में बृहस्पति के गोचर से चमकेगा इन राशियों का भाग्य, कुछ को सावधान रहना होगा

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जब शनि देव गधे पर सवार होकर किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस राशि के जातकों द्वारा किए जा रहे कार्य भी खराब हो जाते हैं और उन्हें धन हानि का सामना करना पड़ता है।

जब शनि देव हिरण पर सवार होते हैं तो उन्हें मृत्यु भोगनी पड़ती है, यानी उन्हें बहुत ही बुरे हालात का सामना करना पड़ता है।

शनिदेव जब गिद्ध पर सवार होकर किसी राशि में चले जाते हैं तो व्यक्ति को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं।