बिजनौर. कभी मेज के नीचे से रिश्वत लेने की बात कही जाती थी लेकिन धामपुर तहसीलदार के चालक ने इस मिथक को तोड़ डाला। जिसने बेखौफ होकर ऑनलाइन रिश्वत का चलन भी चालू कर दिया। जी हां, गूगल पे, पेटीएम और चेक से रिश्वत लेने में तहसीलदार के चालक को निलंबित कर दिया गया है। वहीं एसडीएम और तहसीलदार पर भी गाज गिरी है। जिन्हें धामपुर तहसील से हटा दिया गया है। चालक के खाते में तीन सालों में 21 लाख रुपये के लेनदेन की बात सामने आई है।

धामपुर तहसीलदार कमलेश कुमार का चालक नदीम पिछले कई दिनों से चर्चाओं में है। बताया जा रहा है। आरोप लगे हैं कि खनन वाहनों की एंट्री के नाम तीन सालों से अवैध उगाही करता आ रहा था। नदीम के बैंक खाते से दो सालों में 21 लाख का लेनदेन हुआ। शिकायत मिलने पर तहसीलदार कमलेश कुमार ने चालक और उनके बैंक अकाउंट की जांच की तो मामला सही पाया गया। मामले के उजागर होने पर एसडीएम विजयवर्धन तोमर ने तहसीलदार की संस्तुति पर नदीम को दो दिन पहले निलंबित कर दिया।

खनन माफियाओं से सांठगांठ के बाद चर्चा में आया तहसीलदार का चालक नदीम अहमद धामपुर में पिछले तीन साल से कार्यरत है। पिछले दो सालों से चालक नदीम अधिकारियों के नाम पर खनन माफियाओं से खनन कराने के नाम पर अवैध उगाही करता आ रहा था। प्रति डंफर एंट्री करने के नाम पर वसूली होती थी। मामला तब उजागर हुआ जब पिछले दिनों अधिकारियों ने खनन करने के आरोप में एक खनन माफिया का खनन सामग्री से भरे डंफर को पकड़ लिया और उसके खिलाफ कार्रवाई कर दी थी।

इस कार्रवाई पर खनन माफिया ने सब कुछ अधिकारियों के सामने उगल दिया। मामले के उजागर होने के बाद तहसीलदार कमलेश कुमार ने मामले की अपने स्तर से जांच की। जांच में आरोपों के सही पाने पर तहसीलदार की संस्तुति रिपोर्ट पर एसडीएम विजय वर्धन तोमर से दो दिन पहले तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

शनिवार को संपन्न हुए संपूर्ण समाधान दिवस कार्यक्रम में यह मामला डीएम के संज्ञान में आया तो डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को तहसीलदार कमलेश कुमार को बिजनौर न्यायिक पद और एसडीएम विजयवर्धन तोमर का एसडीएम के पद पर नजीबाबाद तहसील के लिए स्थानांतरण कर दिया। अब इनके स्थान पर नजीबाबाद से एसडीएम मनोज कुमार सिंह और तहसीलदार गोपश तिवारी को धामपुर भेजा गया है। हालांकि अभी तक दोनों को रिलीव नहीं किया गया।

तहसीलदार कमलेश कुमार ने बताया कि चालक नदीम का धामपुर के पीएनबी में खाता है। खाता उसकी पत्नी के नाम से संयुक्त है। बताया गया कि जब उसका स्टेटमेंट निकलवा कर जांच की गई तो दो सालों में उसके खाते से 21 लाख का लेनेदेन होना पाया गया है। खाते में चालक की सैलरी भी आती है। लेनदेन ऑनलाइन, गूगलपे, पेटीएम,फोन पे और चैक आदि अन्य सुविधाओं के माध्यम से हुआ है।

एसडीएम और तहसीलदार धामपुर के स्थानांतरण के आदेश कर दिए गए हैं। जो विवाद चल रहा है, उसकी जांच एडीएम प्रशासन को सौंपी गई है। जांच आख्या आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।