नई दिल्ली। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं. जगह-जगह पर जन्माष्टमी मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. मथुरा-वृंदावन समेत कई जगहों पर जन्माष्टमी का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है. इस साल 18 अगस्त 2022 को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा. इस मौके पर एक रोचक पौराणिक कथा जानते हैं कि आखिर क्यों भगवान श्रीकृष्ण ने 16 हजार शादियां की थीं और उनके डेढ़ लाख से ज्यादा पुत्र हुए.
महाभारत के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की 16, 107 पत्नियां थीं. उन्होंने पहला विवाह देवी रुक्मिणी से किया था और इसके लिए उन्होंने रुक्मिणी जी का हरण किया था. इसके बाद उन्होंने जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा से भी विवाह किए. इन 8 पत्नियों को भगवान श्रीकृष्ण की पटरानियां कहा जाता है. लेकिन इसके अलावा भी श्रीकृष्ण जी ने हजारों शादियां की थीं.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक श्रीकृष्ण भूमासुर नाम के दैत्य के अत्याचार से 16 हजार कन्याओं को बचाया और उन्हें कारावास से मुक्त करवाया. जब वे कन्याएं अपने घर वापस गईं तो समाज-परिवार के लोगों ने इन्हें चरित्रहीन कहकर अपनाने से इनकार कर दिया. तब भगवान श्रीकृष्ण ने 16 हजार से रूप रखे और इन सभी कन्याओं से विवाह किया.
भगवान श्रीकृष्ण के बेटे-बेटियों को लेकर भी कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं. पुराणों के मुताबिक श्रीकृष्ण जी के 1 लाख 61 हजार 80 पुत्र थे. दरअसल, उनकी सभी पत्नियों के 10-10 पुत्र और 1-1 पुत्री थीं. इसके मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण के 1 लाख 61 हजार 80 पुत्र और 16 हजार 108 पुत्रियां थीं.