नई दिल्ली : आज सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ है। आज पति की लम्बी आयु के लिए महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा है जिसका शाम को पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार पारण करेंगी। आज शाम 7 से रात तकरीबन 9 बजे तक देश भर में चंद्रमा दिख जाएगा।
इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा और गुरु के संयोग से गजकेसरी राजयोग में करवा चौथ की पूजा हुई है। इसके अलावा आज के दिन महालक्ष्मी योग, शश योग,समसप्तक योग और बुधादित्य राजयोग बना।
करवा चौथ की पूजा खत्म होने के बाद अब से कुछ देर बाद ही आसमान में चांद का दीदार होगा। पंचांग के मुताबिक आज रात करीब 07 बजकर 53 मिनट के आसपास चांद दिखाई देने लगेगा। हालांकि जिन शहरों में आसमान में बादल होंगे वहां पर चांद थोड़ी देर में दिखाई देगा। यहां देखें अपने शहर में चांद के निकलने का समय…
बिना चांद के दर्शन और करवा माता की कथा सुने करवा चौथ का व्रत पूरा नहीं माना जाता है। पूजा संपन्न होने के बाद सभी सुहागिन महिलाओं को चांद के निकलने का इंतजार रहता है। जब करवा चौथ पर चांद निकले तो सबसे पहले उन्हें प्रणाम करें और इसके बाद अक्षत, फूल, चंदन, मिठाई और रोली अर्पित करते हुए मिट्टी या तांबे के करवे से अर्घ्य दें।
आज सुहागिन महिलाएं सुबह से करवा चौथ पर निर्जला व्रत रखा हुआ है। हिंदू धर्म में करवा चौथ के त्योहार का विशेष महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए करवा माता, भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा करती हैं। करवा चौथ पर पूजा के बाद सभी सुहागिन महिलाएं चांद के निकलने का इंतजार करती हैं और जब चांद निकल आता है तब पूजा और अर्घ्य देते हुए अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत को पूरा करती हैं। ऐसे में सभी सुहागिन महिलाओं को चांद के निकलने का इंतजार है। आइए जानते हैं
करवा चौथ पर आज शुभ मुहूर्त में पूजा होने के बाद सभी सुहागिन महिलाओं को चांद के निकलने का इंतजार रहेगा। चांद के दर्शन और पूजन के बाद ही सुहागिन महिलाएं अपना व्रत खोलेंगी। पंचांग के मुताबिक आज दिल्ली के समयानुसार करीब 07 बजकर 53 मिनट पर चांद दिखाई देगा। अलग-अलग शहरों में चांद के निकलने में थोड़ा अंतर हो सकता है। देश के अलग-अलग शहरों में चांद कब निकलेगा यहां देखें।
कुछ घंटों के बाद करवा चौथ की पूजा का समय आरंभ हो जाएगा। सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके एक साथ एक जगह पर एकत्रित होकर पूजा शुरू करेंगी। पति की सुख, सृद्धि और सौभाग्य की कामना के लिए करवा माता की पूजा, भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करेंगे, फिर इसके बाद करवा माता की सुनेंगी। रात होते ही चांद के निकलने का इंतजार होगा। पंचांग के मुताबिक आज शाम 7 बजे से लेकर रात करीब 9 बजे तक देशभर में चांद दिखाई देगा।
एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा। रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन कर लेने को कहा। इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है। चांद के निकलने पर उसे अर्ध्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी।
साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुःख हुआ। साहूकार के बेटे नगर के बाहर चले गए और एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी। घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है। अब तुम अर्ध्य देकर भोजन ग्रहण करो। साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा- देखों, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्ध्य देकर भोजन कर लो। ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा-बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं।
साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्ध्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग करने के कारण विध्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए। गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में लग गया।
साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसे बहुत पश्चाताप हुआ। उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया। उसने उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आर्शीवाद ग्रहण किया।
इस प्रकार उस लड़की की श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत गणेश जी उस पर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया। उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया। इस प्रकार यदि कोई भी छल-कपट, अंहकार, लोभ, लालच को त्याग कर श्रद्धा और भक्ति भाव पूर्वक चतुर्थी का व्रत पूर्ण करता है, तो वह जीवन में सभी प्रकार के दुखों और क्लेशों से मुक्त होता है और सुखमय जीवन व्यतीत करता है।
देशभर में आज करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है। सुहागिन महिलाएं आज सुबह से ही निर्जला व्रत पर हैं। हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्यवती की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हुए करवा माता पूजा, फिर शाम को चांद के निकलने पर अर्घ्य देती हैं। अब से कुछ घंटों पर करवा चौथ की पूजा आरंभ हो जाएगी और फिर इसके बाद चांद के निकलने का इंतजार होगा।
अब से कुछ घंटों के बाद करवा चौथ की पूजा शुरू हो जाएगी। यह पूजा शाम 05 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होगी, जिसे 06 बजकर 54 मिनट तक किया जा सकता है।
हिंदू धर्म में आटे के दीपक को बेहद शुद्ध और पवित्र माना जाता है। वास्तु के अनुसार आटे के दीपक का इस्तेमाल किसी विशेष तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है। वहीं करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है, इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आटे के दिये से पूजा करना शुभ होता है। माना जाता है कि जिसकी लंबी उम्र की कामना करते हुए आटे का दीपक जलाया जाता है उसे यमराज की पीड़ा नहीं सहनी पड़ती।