आगरा। सहकारिता विभाग के घोटाले को लेकर किसानों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। आगरा में अस्पताल में भर्ती किसानों की हालत खराब है। लेकिन, उन्होंने अपना अनशन नहीं तोड़ा है। नौ दिन से अन्न और जल त्याग दिया है। वे अपनी मांगों पर अडिग हैं। उन्होंने बुधवार को मंडलायुक्त कार्यालय जाने का ऐलान किया है। किसान यहां अपनी बात रखेंगे। बता दें कि किसान सहकारिता विभाग में 4.12 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीण सुरक्षा आवासीय समिति के फर्जी सचिव पर कार्रवाई की मांग को आवाज बुलंद कर रहे हैं। बीते 11 दिनों से किसानों का मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय पर धरना जारी है।

इसमें नौ दिन से किसान नेता श्याम सिंह चाहर सहित दो बुजुर्ग किसानों ने अन्न, जल त्याग दिया है। इससे किसान नेताओं की तबीयत बिगड़ गई है। इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। यहां इन पर ग्लूकोज की बोतल लग रही हैं। किसानों से मिलने के लिए जनपद भर से किसान पहुंच रहे हैं। वे अब अधिकारियों पर गंभीर आरोप मढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी आरोपियों को बचा रहे हैं।

जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है। वे बुधवार दोपहर दो बजे मंडलायुक्त कार्यालय की ओर कूच करेंगे। धरने पर इंद्रजीत सिंह, सत्यवीर चाहर, प्रदीप शर्मा, अशोक कुमार, विनोद कुमार, सुरेंद्र सिंह, ओमपाल सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, रामगोपाल आदि मौजूद रहे।

तीन दिन से धरने पर बैठे किसानों से बातचीत के लिए बुधवार शाम चार बजे एडीएम प्रोटोकॉल, एडीएम एफआर, एडीएम सिटी व एसडीएम पहुंचे। किसानों को बताया कि आपकी समस्या का समाधान करने के लिए एडीए वीसी को मुख्यमंत्री ने लखनऊ बुलाया है। जल्द ही कुछ निर्णय हो जाएगा। उन्होंने किसानों से सर्दी का हवाला देते हुए धरना समाप्त करने की अपील की, लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए।